प्रसूताओं को भर्ती कराने के बाद नहीं हो पाता एक ही छत के नीचे इलाज, ग्रामीण अंचलों से आने वाली प्रसूताओं को होती है सबसे अधिक परेशानी
दमोह•Oct 23, 2019 / 01:15 am•
Sanket Shrivastava
Damoh District Hospital, the obstetricians are not getting adequate
दमोह. करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी जिला अस्पताल में प्रसूताओं को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। प्रसव कराने जिला अस्पताल पहुंचने वाली महिलाओं को प्रसव से पूर्व या तो खुद को भटकना पड़ रहा है या फिर उनके परिजन एक से दूसरे छोर से जिला अस्पताल का चक्कर लगाने विवश हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में निर्मित नवीन एमसीएच भवन में प्रसव कराने महिलाएं भर्ती होती हैं। वहीं पर उनका प्रसव कराया जाता है। लेकिन उन्हें ब्लड सेंपल के साथ अन्य पैथोलॉजी की जांचें कराने के लिए ब्लड बैंक जाने के लिए विवश होती हैं। मंगलवार को पत्रिका ने एमसीएच में भर्ती महिलाओं से बात की तो उन्होंने अपनी पीड़ा बयान की।
सास को जाना पड़ा था खून की जांच कराने
जिला अस्पताल में इलाजरत प्रसूता देवकी बाई निवासी खिरिया मड़ला ने बताया कि उनकी सास रचना बाई को रक्त की जांच कराने जाना पड़ा था। जिन्हें काफी परेशानी हुई थी। क्योंकि एमसीएच भवन से ब्लडबैंक तक जाने एक से दूसरे छोर तक जाना पड़ता है। जिसमें नए पुराने भवन से होकर जाना पड़ता है। जिसमें कई वार्डों व बरामदों से होकर जाने के दौरान महिलाएं रास्ता भी भटक जाती हैं। रचना भी काफी परेशान होती रही।
इन जांचों में परेशानी
लैबटेक्निशियन का कहना है कि प्रसूता को भर्ती कराने के बाद ब्लडग्रुप, एचवी, सीवीसी, सुगर, एचएवीसीवी, वीडीआरएल, एसआइवी, यूरिन टेस्ट सहित करीब दो दर्जन जांचें पॅथॉलाजी से होती हैं। जिसके लिए स्टॉफ नर्स द्वारा ब्लड सैंपल निकालकर परिजनों को ब्लडबैंक भेजा जाता है। कई बार परिजनों के भटकने पर वार्डवॉय को ब्लडबैंक तक रास्ता दिखाने भेजना पड़ता है। जिससे वहां का काम प्रभावित होता है।
इन्हें भी जाना पड़ा
मोहड़ गांव से प्रसव कराने आईं सविता बंसल, तेंदूखेड़ा निवासी रचना सेन, भौंरासा गांव निवासी जमना सहित अन्य प्रसूताओं ने बताया कि उनके परिजन भी जांच कराने के जिला अस्पताल में भटकते रहे। यदि यह जांच एमसीएच भवन में ही हो जाती तो परिजनों को भटकना नहीं पड़ता।
जल्द ही करेंगे समस्या का समाधान
&समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए भोपाल मुख्यालय पत्र लिखा गया है। जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो कलेक्शन सेंटर चौबीस घंटे के लिए एमसीएच भवन में ही व्यवस्था करा दी जाएगी। जिससे प्रसूताओं व उनके परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा।
डॉ. दिवाकर पटैल, आरएमओ