तीसरी लहर से पहले डेल्टा प्लस का खतरा फिर भी सर्तक नहीं
ऑटो की यात्रा में बड़ी लापरवाही
Delta Plus threat still not alert before third wave
दमोह. दमोह जिले में अनलॉक हो गया है, कोरोना के कम मरीज आ रहे हैं, लोगों ने कोरोना गाइड लाइन के प्रोटोकॉल को भुला दिया है। मास्क, सैनेटाइज व सोशल डिस्टेंस को भुला रहे हैं। प्रदेश में तीसरी लहर से पहले डेल्टा प्लस के साथ ही ब्लैक फंगस का दोहरा खतरा बताया जा रहा है। जिससे बचाव के प्रति लोग सजग नहीं दिखाई दे रहे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल के लिए 6 बिंदुओं की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है।
अनलॉक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल की गाइड लाइन का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां सुचारू रखने की छूट दी गई थी। दमोह शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में इसका कहीं पालन होता नजर नहीं आ रहा है। वर्तमान में देखा जा रहा है कि बाजार में या भीड़ में निकलने के दौरान 5 प्रतिशत लोगों के चेहरों पर मास्क सही तरीके से लगा हुआ दिखाई दे रहा है। 5 प्रतिशत मास्क का सही तरीके से प्रयोग नहीं कर रहे हैं। 90 फीसदी लोगों ने मास्क, सैनेटाइजर व सामाजिक दूरी को भुलाकर सामान्य दिनों की तरह ही जीवन यापन शुरू कर दिया है। वहीं चिकित्सकों के अनुसार आगामी 2 से 3 माह खतरे भरे हैं। जुलाई से सितंबर के बीच ही कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। इसके पहले डेल्टा प्लस व ब्लैक फंगस का दोहरा खतरा मंडरा रहा है। इन खतरों के बाद भी दमोह शहर में लगातार लापरवाही हो रही है।
यात्रा के दौरान ऑटो व मालवाहकों में सफर करने के दौरान लापरवाही हो रही है। ऑटो संचालन में दो सवारियों के साथ ही यात्रा की छूट मिली हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का संचालन न होने के कारण ऑटो व छोटे मालवाहक यात्रा के मुख्य साधन बन गए हैं। इन साधनों पर एक समय में 10 से 15 सवारियां एक साथ बिठाई जा रही हैं। बिल्कुल नजदीक करीब एक घंटे से आधा घंटे का सफर करने के दौरान मास्क का उपयोग नहीं किया जा रहा है। सामाजिक दूरी बनाना छोटे से ऑटो में दूर की बात है। दूसरी लहर भी इस तरह की पूर्व की लापरवाहियों से दमोह शहर में आई थी, अब तीसरी लहर को आमंत्रण देने के लिए लगातार लापरवाहियां की जा रही हैं, इस मामले में सजगता और सतर्कता कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं।
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