नए फिल्टर प्लांट का मामला
दमोह•Aug 18, 2019 / 01:15 am•
Sanket Shrivastava
Dirty water coming to homes, representatives protested
दमोह. शहर की करीब 01 लाख 40 हजार आबादी की प्यास बुझाने वाले पानी को नए फिल्टर प्लांट पर पांच चरणों में शुद्ध किया जाता है। इसके बाद भी लोगों के घरों तक जो पानी पहुंच रहा है वह दूषित व मटमैले रंग का है। घरों में पहुंच रहे दूषित पानी की सप्लाई को लेकर शनिवार को नपा के पार्षद व कुछ पार्षद प्रतिनिधि फिल्टर प्लांट पहुंचे और मामले को लेकर विरोध व्यक्त किया। उन्होंने प्लांट पहुंचकर यह जानना चाहा कि आखिर मटमैले व दुर्गंध युक्त पानी की सप्लाई क्यों हो रही है। लेकिन कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधियों को प्लांट पहुंचकर कुछ हासिल नहीं हो सका।
मटमैले पानी को लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष व पार्षद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर, रमेश राठौर, राजा रौतेला, मुकेश रोहित फिल्टर प्लांट पहुंचे। अध्यक्ष यशपाल ठाकुर ने कहा कि पिछले दस दिनों से लोगों को दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। इस फिल्टर प्लांट से होने वाली जल सप्लाई की मॉनीटिरिंग करने की जिम्मेदारी सब इंजीनियर मेघ तिवारी की है। लेकिन वह प्लांट पर नहीं रहते हैं। कोई यह देखने वाला नहीं है कि निजी कंपनी जिसे सप्लाई का ठेका दिया गया है वह किस प्रकार कार्य कर रही है। क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि दिन में जो पानी टंकियों को सप्लाई किया जाता है उसे शुद्ध किया जाता हो और रात के समय नदी से आने वाले पानी को डायरेक्ट बगैर फिल्टर किए टंकियों में भरा दिया जाता हो।
यशपाल ठाकुर का तर्क है कि जब फिल्टर प्लांट पर पानी साफ किया जा रहा है तो लोगों के घरों में आखिर कैसे मटमैले रंग का गंदा पानी पहुंच रहा है।