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दमोह

प्राचार्य ने लोक शिक्षण के नियमों को रखा ताक पर, मर्जी से कराई त्रैमासिक परीक्षा

ऑनलाइन प्रश्नपत्रों को हल कराने की बजाय शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्रों को हल कराया गया

दमोहSep 11, 2018 / 11:56 am

pushpendra tiwari

Due to the rules of public teaching

Due to the rules of public teaching

दमोह. जिला मुख्यालय से सटे इमलाई गांव में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विधालय की प्राचार्य ने लोक शिक्षण के नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा हुआ है। इसकी वानगी तब सामने आई जब सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय के जारी आदेश के विरूद्ध स्कूल में त्रैमासिक परीक्षा 09वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की आयोजित की गई। जहां एक ओर प्राचार्य ने स्वयं निर्णय लेते हुए टाइम टेबिल को नहीं माना, तो वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन प्रश्नपत्रों को हल कराने की बजाय शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्रों को हल कराया गया। मामले में चौकाने वाली बात यह है कि प्राचार्य अर्चना राय ने शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओं में तो स्वयं निर्णय लेते हुए परिवर्तन किया लेकिन ऐसा करने से पहले अपने विभाग के उच्चाधिकारियों से भी सलाह अथवा अनुमति नहीं ली। अब जब इस मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मिली है तो वह भी हैरत में हैं।


नियमों को नहीं माना-
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी व्यवस्थानुसार कक्षा ९वीं व १०वीं कक्षा के त्रैमासिक प्रश्नपत्र हल करने का समय सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक का था। वहीं कक्षा 11वीं व 12वीं के प्रश्नपत्र हल करने के लिए समय दोपहर 02 बजे से शाम 05 बजे तक का निर्धारित किया गया था। लेकिन परीक्षा के इस टाइम टेबिल के विरूद्ध प्राचार्य अर्चना राय ने स्कूल में परीक्षाएं सुबह 08 बजे से आयोजित कीं, जो कि पूरी तरह नियम विरूद्ध बताया जा रहा है।


ऑनलाइन भेजे गए प्रश्नपत्रों को कराया जाना था हल


इस मामले में जहां टाइम टेबिल नजर अंदाज कर दिया गया वहीं छात्र छात्राओं से हल कराए जाने वाले प्रश्नपत्रों को भी महत्तव नहीं दिया गया। दरअसल राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा त्रैमासिक परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र ऑनलाइन भेजे गए थे। इन्हीं प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए प्रतिलिपियां छात्रों को दी जानी अनिवार्य थीं। लेकिन प्राचार्य ने अपना निर्णय लेते हुए बच्चों को वह प्रश्नपत्र हल करने के लिए दिए जो उनके व स्कूली शिक्षकों द्वारा स्कूल स्तर पर तैयार किए गए थे। जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।


वार्षिक परिणाम होगा प्रभावित


बताया जाता है कि त्रैमासिक परीक्षा व छहमाही परीक्षा के परिणाम के दस प्रतिशत अंक वार्षिक परीक्षा परिणामें में जोड़े जाते हैं तभी कक्षा ९वीं व ११वीं कक्षा के वार्षिक परीक्षा परिणाम तैयार होते हैं। इसी के चलते शासन स्तर पर भेजे गए प्रश्नपत्र ही हल कराए जाने थे। लेकिन स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए प्रश्नपत्रों को हल कराए जाने के इस कृत्य ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


प्राचार्य अर्चना राय से सीधी बात


रिपोर्टर- क्या आपके यहां लोक शिक्षण संचालनालय के टाइम टेबिल को नजर अंदाज कर परीक्षाएं कराईं गईं हैं।
प्राचार्य- हां, दरअसल टाइम टेबिल संसोधित हुआ था और यह जानकारी सभी बच्चों को दी जानी संभव नहीं थी।
रिपोर्टर- जिले के अन्य स्कूलों द्वारा बच्चों को फिर कैसे जानकारी संशोधित टाइम टेबिल की उपलब्ध करा दी गई।
प्राचार्य- अन्य स्कूलों के विषय में नहीं कहा जा सकता, हमारे स्कूल में नहीं हो पा रहा था।


रिपोर्टर- प्रश्नपत्र भी स्कूल स्तर पर क्यों तैयार किए गए।
प्राचार्य- ऑनलाइन प्रश्नपत्र डाऊनलोड में परेशानी होती है, शिक्षकों ने प्रश्नपत्र पूर्व में तैयार कर लिए थे, सबकी सलाह से शिक्षकों द्वारा तैयार प्रश्नपत्र हल कराए गए।
रिपोर्टर- क्या आपके द्वारा व्यस्था परिवर्तन करने को लेकर उच्चाधिकारियों से सलाह या अनुमति ली गई थी।
प्राचार्य- नहीं ली जा सकी, लेकिन अब जानकारी दे देंगे।

 

 

 

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