हालांकि दमोह सीएमएचओ कार्यालय में संविदा पर कार्यरत इंजीनियर अभिषेक चतुर्वेदी ने किसी भी सरकारी महकमे या पुलिस मिल रही धमकियों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की थी। इंजीनियर अभिषेक चतुर्वेदी का आरोप है कि सिस्टम और कुछ ठेकेदार टाइप के लोग मुझे काम नहीं करने देते हैं। वे लगातार मेरे बारे में उल्टी-सीधी बातें करते रहते हैं।
दमोह के तहसील ग्राउंड में राइफल के साथ बैठे इंजीनियर का कहना है कि मैं इन धमकियों से परेशान हो गया था। मुझे काम करने में दिक्कत हो रही थी। ऑफिस में भी आकर लोग अपने अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाते थे। उसे लेकर मैं लगातार परेशान रहता था। साथ ही धमकी देने वाले लोग इधर-उधर देख लेने की बात भी करते थे। इसलिए मैंने विज्ञप्ति देकर उन्हें चैलेंज किया था। उनलोगों से कहा था कि एक दिन आकर यहां निपट लो।
इंजीनियर अभिषेक चतुर्वेदी ने धमकी देने वाले लोगों से कहा था कि रविवार को सुबह नौ से बारह बजे तक मैं तहसील ग्राउंड में बैठा रहूंगा। जिसे फरियाना वो यहीं आकर फरिया लेना। अभिषेक ने कहा कि मैं अपनी आत्मरक्षा के लिए राइफल लेकर बैठा रहा लेकिन कोई नहीं आया। उसके बाद मैं जा रहा हूं। वहीं, जब इंजीनियर से पूछा गया कि आपने इसकी शिकायत पुलिस से की। यह फिर अपने विभाग को जानकारी दी। तो उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ विज्ञप्ति के माध्यम से ही जानकारी दी थी।
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग का करोड़ों रुपये का काम जिले में चल रहा है। इस काम में ही ठेकेदार के साथ इंजीनियर की बहस हो गई थी। लेकिन न तो इंजीनियर और न ही ठेकेदार ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज करवाई है। ठेकेदार से इंजीनियर से झड़प कार्य के गुणवत्ता को लेकर हुई थी। इंजीनियर ने कहा कि पुलिस के लफड़े में मैं नहीं पड़ना चाहता था। इसलिए खुद ही निपटने को तैयार हूं। इंजीनियर अभिषेक चतुर्वेदी ने साफ किया कि वह किसी से डरने वाले नहीं हैं।