दरअसल मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तेंदूपत्ता संग्राहकों को लिस्ट तैयार की जा रही थी। जिसमें कुछ कर्मचारी कार्यालय में पहुंचकर सहयोग कर रहे थे। यह जानकारी लगने पर वन विभाग के सभी कर्मचारी एकत्रित हुए। इस दौरान सभी ९ रेंज के रेंजर्स सहित सभी पुरुष व महिला कर्मचारियोंं की मौजूदगी रही। वन कर्मचारी संघ अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, सुधीर अवस्थी, प्रदीप दुबे, विकास श्रीवास्तव, राजेंद्र सिंह परिहार, संजय रैकवार, मुकेश पाराशर, श्रीकांत अवस्थी, मयंक विश्वकर्मा सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
1 कर्मचारियों को सशस्त्र बल घोषित करने के लिए आईपीसी एवं सीआरपीसी में संशोधन कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जाने की मांग की गई इसके अलावा वन रक्षक से लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सभी अधिकारियों कर्मचारियों को वर्दी अनिवार्य किए जाने की मांग की गई इसमें धारा संहिता की 45 की उम्र मुक्ति प्रदान किए जाने की मांग की गई समस्त वनरक्षकों की नियुक्ति दिनांक से ग्रेड पे 1980 लेकर 5680 का लाभ दिए जाने की मांग की गई इसी तरह उनकी वसूली पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार सभी प्रकार की वसूली पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है वन रक्षक को नियुक्ति दिनांक से 10000 दस बीस 30 वर्ष के बाद समयमान वेतनमान प्रदान किए जाने की मांग की गई है 1 कर्मचारियों का कहना है कि स्थाई कर्मी को चतुर्थ श्रेणी में मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार समायोजित कर सातवां वेतनमान अनुकंपा नियुक्ति एवं वृद्धि प्रदान की जाए इसके अलावा 1 कर्मचारियों को महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर ?5000 वर्दी भत्ता दिया जाए इसी तरह 1 कर्मचारियों के निवास वनरक्षक वनपाल क्षेत्रफल वनक्षेत्रपाल के निवास को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाए इसी तरह उनके निवास तहसील एवं जिला स्तर पर अलग से आवंटित किए जाएं इसके अलावा कर्मचारियों को 13 माह का वेतन भत्ता क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों को एवं टाइगर रिजर्व में वनरक्षकों की स्थिति की जाए मध्य प्रदेश वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को कार्यपालक विभाग में एवं वरिष्ठ अधिकारियों की भांति स्वीकृत कार्यपालिक एवं एवं वरिष्ठ अधिकारियों की भांति में वृद्धि करते हुए किया जाए एवं वर्षों से कार्यरत अपग्रेड मंडलों में संरक्षक कार्यालय के समक्ष किया जाए एवं 2400 ग्रेड पे किया जा कर लिपिकीय कर्मचारियों को पदोन्नत किया जाए इसके अलावा वन विभाग के कर्मचारियों की सेवा को तकनीकी सेवा घोषित की जाए एवं कर्मचारियों को विश्राम का समय दिया जाए 12 घंटे की ड्यूटी तय की जाए उसके बाद उन्हें अवकाश दिया जाए वन सेवा के दौरान या दिवंगत कर्मचारियों को 1 शहीद का दर्जा दिया जाए एवं वन शहीद स्मारक का निर्माण कराया जाए।