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दमोह

प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला, लाखों की मुरम का किया अवैध उत्खनन

प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला, वन भूमि के अंदर कॉलोनी निर्माण व अवैध उत्खनन का मामला

दमोहFeb 09, 2018 / 02:09 pm

Rajesh Kumar Pandey

he illegal mining of millions of murum

he illegal mining of millions of murum

दमोह. समन्ना रैयतवारी में नगर पालिका की निम्न वर्ग के साथ अभिजात्य वर्ग के लिए बन रही कॉलोनी निर्माण में वन विभाग की जमीन में अवैध उत्खनन कर लाखों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई गई है। कार्यस्थल से लगे वन विभाग के आरएफ कपाउंड नंबर 104 के अंदर जहां अतिक्रमण किया गया है, वहीं वन विभाग की लाखों रुपए के अवैध मुरम का उत्खनन कर निर्माण कार्य में उपयोग किया गया है।
कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि दमोह खास हल्का नंबर 16 के पटवारी हल्का नंबर 8 के पांच खसरा नंबर पर नगर पालिका द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। वर्तमान में खसरा नंबर 50/1, 52/1 व 52/5 पर सर्वाधिक निर्माण चल रहा है। यहां नगर पालिका ने कुल 6.98 हेक्टेयर भूमि नजूल विभाग से अधिग्रहित 2015-2016 में की गई थी। वर्तमान में जो कॉलोनी निर्माण किया जा रहा है, उसमें वन विभाग के आरएफ क्रमांक 104 के अंदर अतिक्रमण किया जा रहा है, साथ ही वन विभाग की जमीन पर अवैध उत्खनन कर लाखों रुपए की राजस्व नुकसानी पहुंचाई गई है। इसके अलावा पहाड़ी को भी काटा गया है। जिसकी अनुमति कहीं से नहीं ली गई है।
पार्षद दल ने वन विभाग के सागर चीफ कंजरवेटर को शिकायत दर्ज कराते हुए वन विभाग की भूमि अवैध रूप से उत्खनन किए जाने की नुकसानी का आकलन कराने की मांग की है। इस दौरान पार्षद दल से चीफ कंजरवेटर ने साफतौर पर कहा कि उन्होंने दमोह डीएफओ को पूरे दस्तावेजों सहित तलब किया है। वन विभाग की जितनी भी भूमि कॉलोनी के अंदर पाई जाएगी, उन निर्मित मकानों को वन विभाग के कर्मचारियों के लिए ही आरक्षित कराया जाएगा। इसके अलावा वन भूमि के अंदर मुरम उत्खनन की नुकसानी का आंकलन तैयार कराया जा रहा है, जिस पर भी अलग से प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
इस मामले में पार्षद दल का कहना है कि वह इस मामले को एनजीटी में भी ले जा रहे हैं। जिसकी उन्होंने तैयारी कर ली है। क्योंकि बताया जाता है कि जहां पर निर्माण हो रहा है, वह वन भूमि हरित कोर के लिए आरक्षित है। इससे नए और पुराने नक्शों का मिलानकर एनजीटी के समक्ष भी गुहार लगाई जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष राशू चौहान का कहना है कि नगर पालिका के लिए जो भूमि अधिग्रहित की गई थी, यदि उसके अलावा वन भूमि या राजस्व भूमि में अतिक्रमण किया गया है तो वह मकान नगर पालिका से अधिग्रहित कर वन कर्मियों व राजस्व कर्मचारियों को दिए जाएं। इसके अलावा जो भी गड़बडिय़ां हो रही है उनकी निष्पक्ष जांच की जाए। क्योंकि यह आमजन के जीवन से जुड़ा सवाल है। जहां वह अपने जीवन की कमाई का बड़ा हिस्सा देकर रहवास करेंगे। इसलिए उनका मकसद है कि जितनी भी गड़बडिय़ां हैं उन्हें अभी ठीक कर लिया जाए, इसका खामियाजा किसी भी आमजन को न भुगतना पड़े, इसलिए वह अपनी शिकायत को विधिवत रूप से सीढ़ी-सीढ़ी दर सीढ़ी कर इसका त्वरित निराकरण चाहते हैं।

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