महिलाओं को सिर से ढोना पड़ रहा पानी
हम 21 वीं सदी में कदम रख रहे हैं, लेकिन ग्रामीण महिलाओं, बालिकाओं व युवतियों के सिर से पानी भरने का बोझ अब तक कम नहीं हो पाया है। गंदा मटमैला पानी भरकर महिलाएं घर ला रही हैं। इसी पानी को लोग पीने में इस्तेमाल कर रहे हैं। गांव के पवन रावत, तारा रानी अहिरवार व गीता अहिरवार का कहना है कि नदी का पानी गंदा है, कपड़े से छानने के बाद भी साफ नहीं होता है।
हम 21 वीं सदी में कदम रख रहे हैं, लेकिन ग्रामीण महिलाओं, बालिकाओं व युवतियों के सिर से पानी भरने का बोझ अब तक कम नहीं हो पाया है। गंदा मटमैला पानी भरकर महिलाएं घर ला रही हैं। इसी पानी को लोग पीने में इस्तेमाल कर रहे हैं। गांव के पवन रावत, तारा रानी अहिरवार व गीता अहिरवार का कहना है कि नदी का पानी गंदा है, कपड़े से छानने के बाद भी साफ नहीं होता है।
दूषित पानी से बच्चों की तबियत खराब
गांव के निरपत सेन कहते हैं कि बेबस नदी के सामूघाट से पानी भरकर ला रहे हैं। बारिश के दिनों में नदियों का पानी बगैर शुद्धिकरण के पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, लेकिन यह पानी मजबूरीवश पीना पड़ रहा है। जिससे गांव के बच्चों की तबियत खराब होने पर जिला या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज भी कराना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत भी दर्ज कराई गई है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है।
गांव के निरपत सेन कहते हैं कि बेबस नदी के सामूघाट से पानी भरकर ला रहे हैं। बारिश के दिनों में नदियों का पानी बगैर शुद्धिकरण के पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, लेकिन यह पानी मजबूरीवश पीना पड़ रहा है। जिससे गांव के बच्चों की तबियत खराब होने पर जिला या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज भी कराना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत भी दर्ज कराई गई है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है।
नलजल योजना बनी शोपीस
मेहलवारा ग्राम पंचायत में नलजल योजना भी है, लेकिन इसका लाभ केवल मेहलवारा गांव के लोगों को मिल रहा है। पीपरखिरिया की गरीब वर्ग की बस्ती में इस योजना से पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। जिससे भी लोग परेशान हैं।
मेहलवारा ग्राम पंचायत में नलजल योजना भी है, लेकिन इसका लाभ केवल मेहलवारा गांव के लोगों को मिल रहा है। पीपरखिरिया की गरीब वर्ग की बस्ती में इस योजना से पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। जिससे भी लोग परेशान हैं।
विद्युत ट्रांसफार्मर भी नहीं रखे
पीपर खिरिया गांव में विद्युत ट्रांसफार्मर भी नहीं है। जिससे जिन लोगों के घरों में नलकूप लगे हुए हैं। उन्हें भी पानी नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि गांव में लो-वोल्टेज की समस्या बनी होने के कारण घरेलू सबमर्शिबल पंप भी नहीं चल पा रहे हैं, जिससे पानी का संकट गहरा रहा है।
पीपर खिरिया गांव में विद्युत ट्रांसफार्मर भी नहीं है। जिससे जिन लोगों के घरों में नलकूप लगे हुए हैं। उन्हें भी पानी नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि गांव में लो-वोल्टेज की समस्या बनी होने के कारण घरेलू सबमर्शिबल पंप भी नहीं चल पा रहे हैं, जिससे पानी का संकट गहरा रहा है।
नलजल योजना ठप है
केरबना गांव के बुजुर्ग पंचम सींग एक बोतल में दूषित पानी भरकर बुधवार को बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचे थे। उनकी शिकायत थी कि 14 मई से केरबना गांव की लाइट गुल है। जिससे ग्रामीणों को गांव से निकली बेबस नदी का दूषि पानी पीना पड़ रहा है। इस मामले की लगातार मोबाइल पर शिकायत की जा रही थी, लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठा रहे थे, जिस पर पथरिया कार्यालय आकर समस्या बताई है। इस तरह का पानी पीने से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
केरबना गांव के बुजुर्ग पंचम सींग एक बोतल में दूषित पानी भरकर बुधवार को बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचे थे। उनकी शिकायत थी कि 14 मई से केरबना गांव की लाइट गुल है। जिससे ग्रामीणों को गांव से निकली बेबस नदी का दूषि पानी पीना पड़ रहा है। इस मामले की लगातार मोबाइल पर शिकायत की जा रही थी, लेकिन अधिकारी फोन नहीं उठा रहे थे, जिस पर पथरिया कार्यालय आकर समस्या बताई है। इस तरह का पानी पीने से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है।