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दमोह

गांव के साप्ताहिक बाजार में नहीं हो रहा कोविड गाइड लाइन का पालन

ग्रामीण क्षेत्रों से ही आ रहे हैं सर्वाधिक मरीज

दमोहJan 17, 2022 / 09:59 pm

Rajesh Kumar Pandey

Kovid guide line is not being followed in the weekly market of the village

Kovid guide line is not being followed in the weekly market of the village

दमोह/ रनेह. कोविड के मरीज इन दिनों सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों से आ रहे हैं। इसके बावजूद गांवों में कोविड गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है। गांवों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में भी कोविड नियमों की खुली अनदेखी की जा रही है। रनेह गांव में सोमवार के दिन साप्ताहिक बाजार लगता है। दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक लगे साप्ताहिक बाजार में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं बाजार में खरीददारी करते रहे। सोशल डिस्टेंस भी टूटता रहा है। चल रहे साप्ताहिक बाजार में ग्रामीणों की बेपरवाही इस तरह थी कि वह कोरोना बीमारी से अनभिज्ञ दिख रहे थे और उन्हें जरा भी अहसास नहीं था कि कोविड मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से ही ज्यादा निकल रहे हैं।
लहर में बड़े थे मरीज
पहली व दूसरी लहर में उन ग्रामीण क्षेत्रों में ही सर्वाधिक कोरोना के मरीज बढ़े थे, जहां पर साप्ताहिक बाजार के दौरान कोविड व्यवहार नियमों का पालन नहीं किया गया था। अब फिर से वहीं लापरवाही दुहराई जा रही है, जिससे दमोह जिले में आगामी माहों में कोरोना के मरीज बढऩे की संभावना दिखाई दे रही हैं।
होम आइसोलेशन में हो रही लापरवाही
ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा रहा है कि होम आइसोलेशन में भी लापरवाही बरती जा रही है। जो कोविड मरीज निकल रहे हैं, वे घर पर भी कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। गांवों में निकल रहे मरीजों के लिए अलग से व्यवस्थाएं न होने के कारण वे परिवार के साथ मिल रहे हैं। कई मरीज तो मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
खुले में शौच व सार्वजनिक हैंडपंप
ग्रामीण क्षेत्रों से निकल रहे कोविड मरीज भले ही होम आइसोलेशन पसंद कर रहे हों, लेकिन इन मरीजों के द्वारा तय गाइड लाइन का पालन करना परिवेश के हिसाब से मुश्किल भरा है। क्योंकि जिले के गांवों में भले ही कागजों में गांव खुले में शौच मुक्त हो गए हों, लेकिन अभी एक बड़ी आबादी खुले में शौच के लिए जाती है, जिसके बाद सार्वजनिक जलस्रोतों, ताल, तलैयों, नदियों या हैंडपंप पर हाथ धोना व ब्रश करना और नहाना किया जाता है। यहां पर होम आइसोलेट कोविड मरीज भी पहुंच रहे हैं।
सार्वजनिक भीड़ का हिस्सा बन रहे
ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार देखा जा रहा है कि भले जिले में कोविड प्रतिबंध नियम लागू है, जिसके तहत शव यात्रा में 50 व विवाह समारोह में 250 की संख्या निर्धारित है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। किसी की मृत्यु होने पर 200 से 400 लोग तक शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा विलाप करने के दौरान भी सोशल डिस्टेंस टूट रहा है।
झोलाछाप कर रहे इलाज
दमोह जिले में पहली व दूसरी लहर से सबक न लेते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी, बुखार, खांसी, गले में खराश के मरीज लगातार निकल रहे हैं, लेकिन यह मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर संचालित फीवर क्लीनिक न पहुंचकर झोलाछापों की दुकानों पर पहुंच रहे हैं। जहां से दवाएं लेकर अपना इलाज कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के यदि इन्हीं लोगों के कोरोना टेस्ट कराए तो प्रत्येक गांव में मरीज निकलेंगे, लेकिन टेस्ट न होने के कारण सर्दियों के दिनों में होने वाले सामान्य जुखाम की तरह इलाज कराया जा रहा है।
 
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