यामिनी सिलारपुरिया ने बताया कि मच्छरों को बढऩे से रोकें, पानी रखने के सभी बर्तनो, टंकियों को ठीक से ढक्कन लगाकर रखना चाहिए। घर के आस-पास सभी जल-जमाव वाले क्षेत्र जैसे हैण्डपम्प, कुआं में पानी जल जमाव न हो सके इसके लिए पानी की निकासी करें अथवा घर के आसपास सभी गड्ढों को भर दें। पानी की निकासी संभव न होने पर जला हुआ तेल डालने से लार्वा पनप नहीं पाते। कूलर, फूलदान, नांद से पानी की निकासी कर सप्ताह में एक बार सुखा लेने से जमे हुए पानी से लार्वा का नष्ट होता है।
उन्होंने बताया कि मच्छरदानी के अंदर सोने की आदत डालें। ग्रामीण क्षेत्रों में कीटनाशक मच्छरदानी का वितरण कराया गया है जो कि मच्छरों से बचाव का बेहद कारगर तरीका है। घर के दरवाजे और खिड़की पर छोटे छिद्र वाली जाली लगाने से मच्छरों के प्रवेश पर रोक लगती है। बुखार की स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में मलेरिया के लिए तुरंत अपने खून की जांच कराएं। मलेरिया की पुष्टि होने पर मलेरिया रोधी दवा का सेवन अवश्य करें। ध्यान रखें मलेरिया की दवा कभी भी खाली पेट न लें। ग्राम में भी आषा के पास मलेरिया की जांच उपलब्ध है। इसका लाभ लें। यदि आपके क्षेत्र में बुखार से रोगियों की संख्या बढ़ रही है तो तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित करें।
इस वर्ष की थीम शून्य मलेरिया की शुरूआत को लेकर आमजनों को मलेरिया से बचाव के लिए जन-जागृति लाने के उद्देश्य से जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी यामिनी सिलारपुरिया मौजूद रहीं। रैली में शामिल, शहरी आशा कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं। जिसमें मच्छरों से बचाव से संबंधित संदेशों के जरिए आमजनों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। रैली मलेरिया कार्यालय परिसर से घंटाघर होकर मलेरिया कार्यालय में सम्पन्न हुई। जहां आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले उपायों, औषधियों एवं दी जाने वाली खुराकों के बारे में विशेष जानकारी दी गई।