ड्यूटीरूम में की तोडफ़ोड़-
बीएमओ डॉ. दिवाकर पटैल ने बताया कि अज्ञात आरोपियों ने डॉ. आशीष शर्मा के साथ मारपीट करने के साथ डॉक्टर ड्यूटीरूम में तोडफ़ोड़ कर दी। इसके बाद आरोपियों ने अन्य कर्मचारियों को भी मारना चाहा लेकिन वह जान बचाकर भागे। डॉ. पटैल का कहना है कि जिला अस्पताल में हुई इस घटना से सभी डॉक्टर व स्टॉफ काफी खफा हैं। जिससे सभी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल कर दी है। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर कर उनकी गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती। डॉ. पटैल का कहना है कि सारा घटनाक्रम सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया है। जिसके आधार पर कार्रवाई के लिए पुलिस को फुटेज सौंपे जाएंगे।
मेरे भाई का सही इलाज नहीं किया-
दूसरे पक्ष से मृतक बिक्की के भाई विपिन करोसिया ने आरोप लगाए हैं कि उसके भाई का सही इलाज नहीं किया गया। जिससे उसकी मौत हुई है। उसने बताया कि उसका भाई बिक्की पिता देवी प्रसाद करोसिया गणेश प्रतिमा विसर्जन के बाद घर आया था। जिसने सल्फास खा ली थी। उसके बाद उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले गए थे। जहां पर डॉक्टरों ने सही इलाज नहीं किया। जिससे उसकी मौत हो गई।
धरना दिया तो पहुंचे एसडीएम-
घटना के बाद लापरवाही का आरोप लगाते हुए ड्यूटी डॉक्टर व अन्य स्टॉफ को जिम्मेवार मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर मृतक के परिजन व अन्य समर्थक अस्पताल चौक पर धरने पर बैठ गए। जिसके बाद एसडीएम रवींद्र चौकसे, सीएसपी आलोक शर्मा व अन्य स्टॉफ मौके पर पहुंचा। इस बीच जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के खिलाफ पीडि़तों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में समझाइस के बाद परिजन मुश्किल से माने। एक आवेदन पुलिस के लिए पीडि़त पक्ष ने देकर कार्रवाई की मांग की है।
शवग्रह में रखवाया शव –
मृतक का शव जिला अस्पताल के शवग्रह में रखवाया गया है। सोमवार सुबह पंचनामा कार्रवाई के बाद शव परीक्षण कराते हुए परिजनों को सौंपा जाएगा।
महिला को मृत घोषित किया –
जिला अस्पताल में जब डॉक्टर हड़ताल पर थे, इसी बीच अचानक एक्सीडेंट में घायल अवस्था में पहुंची महिला शारदा पिता हरगोविंद सेन (३५) निवासी बजरिया वार्ड के परिजन उसे दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में ले गए। लेकिन वहां से उसे जिला अस्पताल ही जाने के लिए कहा गया। इसके बाद जिला अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों के कहने पर उसे दो डॉक्टरों ने देखा जिसे सीने में प्रेशर देकर पंपिंग भी की। अंतत: उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में मृतिका के परिजनों ने बताया कि बेटे के साथ शारदा बाई गढ़ाकोटा के हरदी गांव गई थी। जहां से लौटते समय रास्ते में गड्ढा आ जाने के कारण वह सड़क किनारे गिर गईं। जिन्हें गंभीर अवस्था में लाया गया था। लेकिन डॉक्टरों ने बाद में मृत घोषित कर दिया।
टीआई ने कहा आरक्षक से नहीं हुई मारपीट-
मामले में यातायात प्रभारी व कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र गौतम का कहना है कि जिला अस्पताल से अभी तक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इससे अधिक जानकारी नहीं दे सकता। लेकिन मेरे किसी भी आरक्षक के साथ मारपीट नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन की जांच के बाद दोषियों मामला दर्ज किए जाएंगे।