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दमोह

युवक की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने डॉक्टर, आरक्षक से की मारपीट, ये थी वजह

जिला अस्पताल में हुआ हंगामा पीडि़तो ने कहा डॉक्टर ने नहीं किया सही इलाज

दमोहSep 24, 2018 / 03:30 pm

lamikant tiwari

Mother's death Doctor beat up Hospital

Mother’s death Doctor beat up Hospital

दमोह. जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत होने के बाद परिजनों द्वारा हंगामा मचाए जाने के साथ डॉक्टर, आरक्षक व तीन सुरक्षागार्डों के साथ मारपीट करने की घटना होने के बाद जिला अस्पताल का पूरा स्टॉफ हड़ताल पर चला गया। हालांकि दूसरे पक्ष से हंगामा करने वाले पीडि़त के परिजनों व परिचितों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
घटना को लेकर बताया गया है कि रविवार रात करीब 8.30 से 9 बजे के बीच शहर के ही शोभानगर निवासी विक्की पिता देवी प्रसाद करोसिया (35) को सल्फास खाने पर परिजन जिला अस्पातल लेकर गए थे। लेकिन वहां पर डॉक्टर ने चैकअप करने के बाद युवक को मेडीकल वार्ड में शिफ्ट कराने भेजा। इस बीच उसकी गंभीर स्थिति से भी परिजनों को अवगत कराया। लेकिन जब वह मेडीकल वार्ड पहुंचा तो वहां पर ड्यूटी पर तैनात सिस्टर व वार्डवॉय ने पल्स चलते हुए नहीं पाए जाने पर उसे तत्काल डॉक्टर को बुलाया। इस बीच जब डॉक्टर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि युवक की सांसें थम गईं थीं। उसके बाद उन्होंने परिजनों को मृत होने की जानकारी दी। यह सुनते ही आरोपियों ने मारपीट शुरू कर दी।
मुझे जमीन पर पटका और की पिटाई-
मामले में पीडि़त डॉक्टर आशीष शर्मा ने बताया उन्होंने मरीज को देखा था। लेकिन उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। सल्फास खाकर आया था। और उसकी पल्स कम ही चल रही थी। जिससे उसके बचने के चांस कम थे। मरीज को जिला अस्पताल के मेडीकल वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन जब उसे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा था, इसी बीच उसकी सांसें थम गईं थीं। सूचना पर वह तत्काल मेडीकल वार्ड पहुंचे जहां पर मरीज का पुन: चैकअप करने के साथ परिजनों को उसके मृत होने की सूचना दी। इस बीच मृतक के परिजन व अन्य लोग भड़क उठे। जिन्होंने डॉक्टर शर्मा के साथ मारपीट कर उन्हें जमीन पर पटक दिया। फिर लोहे का पाईप व स्टूल उठाकर मारने लगे। इस बीच जिला अस्पताल का आरक्षक शुभनारायण यादव आया तो उसके साथ भी आरोपियों ने मारपीट कर दी। तीन सुरक्षागार्ड जो जिला अस्पताल में लगे हैं, उन्होंने भी डॉक्टर को बचाने का प्रयास किया। इस बीच अज्ञात आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट कर दी। बाद में डॉक्टर अपनी जान बचाकर भागे और फिर सिविल सर्जन, बीएमओ सहित अन्य स्टॉफ को जानकारी दी। पीडि़त डॉक्टर ने बताया कि अज्ञात १५ लोगों ने ऊपर मारपीट की थी। बाद में नीचे और लोगों ने ड्यूटीरूम का कांच तोड़कर हंगामा मचाया। इस तरह से करीब ५० लोगों ने हंगामा किया।

ड्यूटीरूम में की तोडफ़ोड़-
बीएमओ डॉ. दिवाकर पटैल ने बताया कि अज्ञात आरोपियों ने डॉ. आशीष शर्मा के साथ मारपीट करने के साथ डॉक्टर ड्यूटीरूम में तोडफ़ोड़ कर दी। इसके बाद आरोपियों ने अन्य कर्मचारियों को भी मारना चाहा लेकिन वह जान बचाकर भागे। डॉ. पटैल का कहना है कि जिला अस्पताल में हुई इस घटना से सभी डॉक्टर व स्टॉफ काफी खफा हैं। जिससे सभी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल कर दी है। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक आरोपियों के खिलाफ एफआईआर कर उनकी गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती। डॉ. पटैल का कहना है कि सारा घटनाक्रम सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया है। जिसके आधार पर कार्रवाई के लिए पुलिस को फुटेज सौंपे जाएंगे।

मेरे भाई का सही इलाज नहीं किया-
दूसरे पक्ष से मृतक बिक्की के भाई विपिन करोसिया ने आरोप लगाए हैं कि उसके भाई का सही इलाज नहीं किया गया। जिससे उसकी मौत हुई है। उसने बताया कि उसका भाई बिक्की पिता देवी प्रसाद करोसिया गणेश प्रतिमा विसर्जन के बाद घर आया था। जिसने सल्फास खा ली थी। उसके बाद उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले गए थे। जहां पर डॉक्टरों ने सही इलाज नहीं किया। जिससे उसकी मौत हो गई।

धरना दिया तो पहुंचे एसडीएम-
घटना के बाद लापरवाही का आरोप लगाते हुए ड्यूटी डॉक्टर व अन्य स्टॉफ को जिम्मेवार मानते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर मृतक के परिजन व अन्य समर्थक अस्पताल चौक पर धरने पर बैठ गए। जिसके बाद एसडीएम रवींद्र चौकसे, सीएसपी आलोक शर्मा व अन्य स्टॉफ मौके पर पहुंचा। इस बीच जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के खिलाफ पीडि़तों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में समझाइस के बाद परिजन मुश्किल से माने। एक आवेदन पुलिस के लिए पीडि़त पक्ष ने देकर कार्रवाई की मांग की है।

शवग्रह में रखवाया शव –
मृतक का शव जिला अस्पताल के शवग्रह में रखवाया गया है। सोमवार सुबह पंचनामा कार्रवाई के बाद शव परीक्षण कराते हुए परिजनों को सौंपा जाएगा।

महिला को मृत घोषित किया –
जिला अस्पताल में जब डॉक्टर हड़ताल पर थे, इसी बीच अचानक एक्सीडेंट में घायल अवस्था में पहुंची महिला शारदा पिता हरगोविंद सेन (३५) निवासी बजरिया वार्ड के परिजन उसे दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में ले गए। लेकिन वहां से उसे जिला अस्पताल ही जाने के लिए कहा गया। इसके बाद जिला अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों के कहने पर उसे दो डॉक्टरों ने देखा जिसे सीने में प्रेशर देकर पंपिंग भी की। अंतत: उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में मृतिका के परिजनों ने बताया कि बेटे के साथ शारदा बाई गढ़ाकोटा के हरदी गांव गई थी। जहां से लौटते समय रास्ते में गड्ढा आ जाने के कारण वह सड़क किनारे गिर गईं। जिन्हें गंभीर अवस्था में लाया गया था। लेकिन डॉक्टरों ने बाद में मृत घोषित कर दिया।

टीआई ने कहा आरक्षक से नहीं हुई मारपीट-
मामले में यातायात प्रभारी व कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र गौतम का कहना है कि जिला अस्पताल से अभी तक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इससे अधिक जानकारी नहीं दे सकता। लेकिन मेरे किसी भी आरक्षक के साथ मारपीट नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन की जांच के बाद दोषियों मामला दर्ज किए जाएंगे।

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