याचिकाकर्ता एड. मुकेश पांडेय ने बताया कि नगर पालिका दमोह द्वारा शहर के अंदर सीवेज और बारिश के पानी की निकासी के लिए उचित प्रबंधन नहीं किया जा रहा है। जिससे बारिश का पानी थोड़ी सी बारिश के बाद ही लोगों के रहवासी मकानों में भर रहा है। इसी प्रकार रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशन की सीवेज और बारिश के पानी को मागंज वार्ड तीन में छोड़ा जा रहा है। जिससे पूरे वार्ड में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई। जिससे गंभीर बीमारियां पनपने की संभावना बढ़ती जा रही है। याचिकाकर्ता द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी और रेलवे स्टेशन मास्टर को पक्षकार बनाते हुए न्यायालय में एक केस दायर किया है। जिस पर विशेष जिला न्यायाधीश उपेंद्र प्रताप सिंह की अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यापक लोकहित निहित होने पाया। जिन्होंने सीएमओ और स्टेशन मास्टर को नोटिस जारी कर 4 दिन में न्यायालय में उपस्थित होकर लिखित जवाब प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। अगली सुनवाई 24 अगस्त तय की गई है।