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दमोह

जिन रास्तों से आया था बाघ वहीं से वापिस टाइगर रिजर्व में पहुंचा

वापस पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया में पहुंचा बाघ, दमोह वन विभाग ने ली राहत की सांस

दमोहSep 26, 2018 / 12:27 pm

pushpendra tiwari

Panna Tiger Reserves Back tiger

Panna Tiger Reserves Back tiger

दमोह. पिछले एक सप्ताह से दमोह जिला मुख्यालय के आसपास के इलाके में घूम रहा पन्ना टाइगर रिजर्व का व्यस्क बाघ अब वापस अपने रिजर्व की ओर रवाना हो गया है। मंगलवार को बाघ पन्ना जिले के रैपुरा इलाके के आगे होना बताया गया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघ वापस रिजर्व के बफर जोन एरिया के नजदीक पहुंच चुका है। वहीं बाघ के जिले की सीमा से बाहर हो जाने पर जिला के वन विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। वैसे तो जिला वन विभाग के पास बाघ को काबू में करने के कोई इंतजाम नहीं थे, लेकिन बाघ की निगरानी के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। वहीं अधिकारियों को यह भय भी सता रहा था कि बाघ यदि किसी इंसान को अपना शिकार बना लेगा तो स्थिति बिगड़ सकती है। लेकिन बाघ के जिले की सीमा से बाहर हो जाने पर अब जिला मुख्यालय के वन अधिकारी निश्चिंत नजर आ रहे हैं। इधर डेढ़ माह पहले रिजर्व से भागे बाघ को पकडऩे के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व का अमला पिंजड़ा लेकर मंगलवार को दमोह पहुंचा है। पन्ना टाइगर रिजर्व के वाहन सिटी कोतवाली के बाहर खड़े हुए जिसे देखकर लोगों ने समझा कि बाघ को पकड़ लिया गया है। बाघ देखने के लिए लोगों की भीड़ भी कोतवाली के बाहर जमा हो गई थी, लेकिन बाद में लोगों को पता चला कि पिंजड़ा खाली है और यह वाहन डीजल भरवाने के लिए दमोह में रुका था।


बाघ की निगरानी में लगे रैंजर प्रेमलाल चौधरी ने बताया है कि रविवार को बाघ पथरिया थाना क्षेत्र के जेरठ गांव में था और यहां से वह नरसिंहगढ़ चौकी क्षेत्र से होते हुए हटा तहसील के बडग़ांव से होकर हिंडोरिया थाना क्षेत्र पहुंच गया था, जो मंगलवार को पन्ना जिले के रैपुरा से निकल गया है। उन्होंने बताया कि बाघ अब जिले की सीमा से बाहर चला गया है।


बाघ के जिले में पहुंचने के संबंध में बताया जाता है कि करीब डेढ़ माह पहले यह बाघ रैपुरा के रास्ते दमोह पहुंचा था। लेकिन अब बाघ उन्हीं रास्तों से वापिस पन्ना टाइगर रिजर्व जा रहा है जिन रास्तों से आया था। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बाघ जिन रास्तों से निकलता है वहां की पहचान उसे याद रहती है और वह वापिस भी उन्हीं रास्तों से होता है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार अब जिले के नौरादेही अभयारण्य में ही बाघ हैं जिनकी संख्या तीन होना बताई जा रही है। एक बाघ व एक बाघिन नौरादेही में बांधवगढ़ व कान्हा नेशनल पार्क से चार माह पहले लाए गए थे। वहीं एक बाघ जो बगैर कॉलर आईडी के था वह करीब दो माह पहले नौरादेही अभयारण्य में पहुंच गया था। जो आठ दिन पहले सर्रा रैंज में देखा गया था।

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