सहस्त्र चंडी महायज्ञ के दौरान रविवार की दोपहर संतों की भव्य आगवानी हुई
दमोह•Feb 02, 2020 / 10:22 pm•
Sanket Shrivastava
टोडारायसिंह बघेरा में आयोजित भागवत कथा सुनती महिलाएं।
हटा. नगर में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ के दौरान रविवार की दोपहर संतों की भव्य आगवानी हुई। संतों की आगवानी के लिए शहर के बहुत से लोग दमोह नाका पहुंचे जहां अमृत झिरिया से पधारे स्वामी मुक्तानंद महराज के साथ गढ़ाकोटा के पटेरिया के महंत की भव्य आगवानी की गई।
इसके बाद महराज चंडी जी मंदिर पहुंचे और मां चंडी के दर्शन किए। स्वामी मुक्तानंद महराज ने बताया कि परमात्मा का स्वरूप हर किसी में है, जिसमें भी आत्मा है उसमें परमात्मा है। हमें स्वयं को परमात्मा बनाना चाहिए। आत्म तत्व के कारण हम सुख आनंद महसूस करते हैं। जब तक शुरू के पास कोई नहीं पहुंचता जब तक उसे कोई विपत्ति नहीं आती है। संसार में सुख नाम की कोई चीज नहीं है। जब-तक दुख जीवन में नहीं आते जब तक हम भगवान को याद नहीं करते हैं। दुख ही भगवान के पास ले जाता है। हमें मुक्ति दिलाता है। जिसके पास एक भक्ति है, वह ज्ञानी है ज्ञान की उत्पति शुरु कराता है, ज्ञानी और आत्म ज्ञानी में अंतर है। वेद पूरे याद कर लें, गीता पूरी याद कर लें, लेकिन जब तक इनको अपने जीवन में नहीं उतारते हैं, तो जीवन सफल नहीं है। मधु कैटभ राक्षसों के बारे में बताते हुए बताया कि आज भी हमारे जीवन में इन दो राक्षसों का हस्तक्षेप है, मधु नामक राक्षस वह है जो आपके कानों में मधुर वचन बोलकर आपको ठगता है और कैटभ नामक राक्षस आपको बुरे वचन बोलकर गुस्सा लाएगा और अहित करा देगा। इसलिए हमें अपनी बुद्धि विवेक से लोगों की बातों को सुनना चाहिए।
मुक्तानंद जी ने कहा कि दुनिया का पहला भ्रामक विज्ञापन रावण ने कपट मृग के रूप में प्रस्तुत किया जिसको देखकर सीता मोहित हो गई और सीता हरण हो गया। इच्छा दु:ख का कारण है इच्छा खत्म सुख शुरू हो जाता है।