दमोह/ मडिय़ादो. नए साल से नदियों की रेत निकालने का अधिकार ग्राम पंचायतों को मिलने वाला है, लेकिन यह अधिकार मिलने के पूर्व ही रेत खनन माफिया अंधाधुंध रेत का परिवहन कर स्टॉक करने में लगा हुआ है। इस
काम में सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं के साथ छुटभैए नेताओं में होड़ चल रही है। जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों से रेत निकालने में गर्माहट नजर आ रही है, वहीं खनिज विभाग की कार्रवाई ठिठुरी हुई हैं।
पथरिया तहसील से लेकर हटा तहसील से निकली सुनार नदी में सर्वाधिक रेत खनन चल रहा है। रेत माफियाओं ने नदियों में कुओं के आकार से बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हंै। अधिकारियों की अनदेखी के कारण रेत माफियाओं का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। वहीं राजस्व का नुकसान कर रेत माफिया मोटी कमाई करने में लगा है। इस काले कारोबार में क्षेत्र के कुछ सरपंच व जनप्रतिनिधी भी शामिल हैं, जो खुलेआम रेत का अवैध भंडारण शासकीय भवनों के निर्माण के लिए कर रहे हंै। निवास गांव के मिडिल स्कूल निर्माण में सरपंच द्वारा समीप ही नदी से निकाली रेत का भंडारण किया हुआ है। उसी रेत से स्कूल का भवन भी हाल ही में बनाया गया है। दिगी गांव के समीप सुनार नदी में बेजा खनन किया जा रहा है। नदी में दर्जनों स्थानों पर मजदूरों के द्वारा रेत खनन कर ट्रैक्टर-ट्रालियों से परिवहन किया जा रहा है। यहां से निकाली गई रेत मुराछ गांव से होते हुए हिनौता, गैसाबाद की ओर ले जाई जाती है। ग्रामीणों का कहना है नदी में जिस स्थान पर मेला भरता है। वहां बड़े-बड़े गड्ढों के होने से लोग परेशान होते हंै। ग्रामीण प्रताप, भुजवल, जगत का कहना है कि नदी में गहरे गड्ढे होने से मवेशी फंस रहे हंै। कई बार इन गड्ढों में फंस कर मवेशी घायल भी हो चुके हैं। इसके अलावा सुनार नदी में सतसूमा, कटनघाट, देवलाई घाट, पाली घाट सहित दर्जनों स्थानों से लंबे समय से अवैध रेत उत्खनन जारी है। कार्रवाई के अभाव में कतिपय रेत माफिया फलफूल रहे हैं। वहीं पर्यावरण को भारी नुकसान के साथ शासन को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
शहर में धड़ल्ले से आ रहे हाइवा
सुबह से शहर के अंदर चारों ओर दाखिल हाइवा नजर आ जाते हैं, शहर में महानदी, गुलगंज सहित नरसिंहपुर जिले की रेत सर्वाधिक आ रही है। रेत माफिया द्वारा गांव से लेकर शहर तक अपनी पैठ बनाकर रेत के अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
वर्जन
अवैध रेत खनन या परिवहन मिलता है तो संबंधित पर कार्रवाई की जा रही है। खनिज विभाग की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं, लेकिन उन्हें खनन करते कोई नहीं मिल रहा है।
मेहताब सिंह रावत, खनिज अधिकारी दमोह
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