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दमोह

सुनार नदी को छलनी करने में लगे हैवी बुल्डोजर

मुख्य मार्ग से नजर आ रहे अवैध उत्खनन के मंजर को देखकर भी अधिकारी साधे चुप्पी

दमोहJan 28, 2020 / 07:51 pm

pushpendra tiwari

सुनार नदी को छलनी करने में लगे हैवी बुल्डोजर

सुनार नदी में इन दिनों भारी पैमाने पर नदी के नीले पत्थर का उत्खनन

दमोह. जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर नरसिंहगढ़ के समीप से होकर निकली सुनार नदी में इन दिनों भारी पैमाने पर नदी के नीले पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है। मौके पर हैवी बुल्डोजर नदी के पत्थर निकालने में लगे हुए हैं और डेढ़ दर्जन से अधिक डंपरों से पत्थर का अवैध परिवहन किया जा रहा है।
२६ जनवरी को पत्रिका द्वारा मौका स्थिति को देखा गया और हो रहे उत्खनन को लेकर खुदाई करने वाले कर्मचारियों, डंपर चालकों सहित प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई। पड़ताल से सामने आया कि नदी से निकाला जा रहा नीला पत्थर सीतानगर क्षेत्र में बन रहे स्टाप डेम के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा है। साथ ही यह बात सामने आई है कि बारिश थमने के के बाद पिछले दो माह से लगातार खुदाई की जा रही है और देखा गया कि नदी के बीचोंबीच काफी बड़े क्षेत्र में खुदाई कर दी गई है। साफतौर यह बात उजागर है कि करोड़ों रुपए का कीमती पत्थर नदी से निकाला जा चुका है।
नदी में खुदाई से बन गई खाई
बड़े पैमाने पर नदी का पत्थर उत्खनन किए जाने की वजह से कई मीटर लंबी, चौड़ी व कई मीटर गहरी खाई बन गई है। तैयार खाई इतनी गहरी है कि परिवहन में लगे डंपर खाई में उतार दिए जाएं तो नजर नहीं आएंगे। खुदाई करने के लिए हैवी बुल्डोजर चौबीसों घंटे खुदाई में लगे हुए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि पत्थर को मशीन से खोदने लायक बनाने के लिए ब्लॉस्टिंग भी की जा रही है।
नीले पत्थर से बनाई जा रही गिट्टी
जलसंसाधन विभाग की सीतानगर परियोजना के तहत सुनार नदी पर स्टाप डैम का निर्माण किया जा रहा है। जिस जगह खुदाई की जा रही है उससे निर्माण स्थल काफी दूर है। मौके पर काम करने वालों ने बताया है कि नदी से निकाला जा रहा पत्थर परिवहन कर उस जगह पहुंचाया जा रहा है जहां पर स्टाप डैम निर्माण कंपनी का गिट्टी क्रेशर लगा हुआ है। नदी के नीले पत्थर से गिट्टी बनाई जा रही है जिसका उपयोग स्टाप डैम के निर्माण में हो रहा है।
उत्खनन स्थल से निर्माण स्थल की दूरी
सुनार नदी में हो रहा पत्थरों का उत्खनन दमोह छतरपुर मुख्य मार्ग पर बने चैनपुरा ब्रिज से साफतौर पर दिखाई देता है। जिस जगह खुदाई की जा रही है उस स्थल से बन रहे स्टॉप डैम की दूरी सड़क मार्ग से करीब ०४ किमी व नदी से होकर जाने पर करीब दो किमी से अधिक है। जो डंपर गिट्टी क्रेशर तक पत्थर पहुंचा रहे हैं वह सड़क मार्ग से होकर जाते हैं।
इस आदेश की आड़ में हो रहा खेल
कलेक्टर आदेशानुसार निर्माण एजेंसी नदी के उस प्वाइंट की खुदाई का मटेरियल अपने उपयोग में ले सकती है जहां पर स्टाप डैम का निर्माण हो रहा है। लेकिन निर्माण क्राइटएरिया से बाहर उत्खनन नहीं किया जा सकता है। लेकिन जो उत्खनन हो रहा है वह स्टाप डैम से काफी दूर है। लिहाजा नदी पत्थर अवैध उत्खनन कर ही निकाला जा रहा है। जिला खनिज अधिकारी रवि पटैल के अनुसार निर्माण स्थल के बाहर किया जाने वाला उत्खनन अवैध माना जाएगा।
मिलीभगत से करोड़ों का पत्थर निकाला जा चुका
नदी में खुलेआम हो रहा पत्थर का उत्खनन इस तथ्य को उजागर कर रहा है कि खुदाई कराने वाले ठेकेदार, स्टाप डैम निर्माण एजेंसी व जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यही कारण है कि मुख्य मार्ग से नजर आने वाले अवैध उत्खनन के विरूद्ध कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है। जबकि इसे रोकने की जिम्मेदारी प्रमुख रूप से जिला खनिज अधिकारी, एसडीएम पथरिया, बटियागढ़ तहसीलदार व पर्यावरण विभाग की है। लेकिन किसी ने अब तक कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई है।
वर्जन
निर्माण स्थल के अलावा नदी में अन्य कोई भी स्थान पर उत्खनन नहीं किया जा सकता है। मैं आज ही मौके का निरीक्षण करूंगा और अवैध उत्खनन के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी जिससे दो दिन के भीतर अवगत कराया जाएगा।
रवि पटैल, जिला खनिज अधिकारी दमोह

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