फुटेरा वार्ड निवासी प्रभात सोनी पिता राजेंद्र सोनी (२४) निवासी फुटेरा वार्ड नंबर दो के कब्जे से १७ मोबाइल जब्त किए गए। सभी मोबाइल अलग-अलग कंपनियों के थे जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपए थी। उसे जब्त किए गए। आरोपी ने लॉक तोड़कर चोरों से मोबाइल खरीदे थे। जिन्हें वह बेचने के लिए रखे हुए था। आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि राजकुुमार दुबे को बेचना बताया था। इसके बाद फुटेरा मोहल्ला निवासी राजकुमार दुबे को गिरफ्तार किया गया तो उसके कब्जे से चार मोबाइल जो चोरी के करीब २६ हजार रुपए कीमती बरामद किए गए।
आरोपी राजकुुमार दुबे से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आरोपी प्रभात लॉक तुड़वाने का कार्य करता था। वह शिवा मोबाइल की दुकान में जाकर वहां रहने वाले अंकुर असाटी नामक व्यक्ति से किसी मशीन के द्वारा लॉक तुड़वाने का कार्य करता था। आरोपी अंकुर एक मशीन में चिप डालकर मोबाइल के लॉक खोलने के साथ उसकी पूरी एसेजरीज बदल देता था। मोबाइल की एसेजरीज बदलने के बाद स्वयं कंपनी को उसे पहचान पाना संभव नहीं हो सकता था। इसीलिए वह मोबाइल को नए सिर से तैयार कर चोरी के मोबाइल को बेच देता था।
सायबर सेल प्रभारी ने बताया कि आरोपी के पास से जो मशीन जब्त की गई है, उसे सायबर क्राइम के उपयोग में लिया जाता है। उस मशीन से मोबाइल में एक किसी भी व्यक्ति के नंबर को बनाकर उसके नाम से फोन करके किसी को भी फोन लगाकर दुरुपयोग किया जा सकता है। खास बात यह है कि उस मशीन से ईएमआई नंबर बदलकर उसका उपयोग अंतराष्ट्र्र्रीय कॉल करने के भी लिया जा सकता है। जिसे अधिकांशत: अंतर्राष्ट्रीय अपराधी या फिर आतंकवादी उस मशीन का उपयोग करते हैं।
मामले में थाना प्रभारी कोतवाली आरके गौतम के नेतृत्व में बनाई गई टीम में एसआई मनोज यादव, प्रधान आरक्षक मनीष यादव, आरक्षक मनीष गंधर्व, कुलदीप सोनी, साइबर सेल प्रभारी राकेश अठया, सौरभ टंडन व अजीत दुबे के सहयोग से आरोपियों तक पहुंचा जा सका। जिनके कब्जे से २१ मोबाइल, कम्प्यूटर सहित करीब डेढ़ लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई। एसपी विवेक सिंह ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। आरोपियों के खिलाफ धारा ४६७,४६८ सहित अन्य धाराओं का मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।