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दमोह

इस मशीन का अंतर्राष्ट्रीय अपराधी करते हैं इस्तेमाल, दमोह में पकड़ा आरोपी जानिए पूरा सच

मोबाइल का इएमआइ नंबर बदलकर नया मोबाइल बनाने वाला आरोपी हिरासत में अंतराष्ट्रीय कॉल को कनवर्ट करने के साथ मोबाइल की बदल देता था एसेसरीज मामले में तीन आरोपी किए गिरफ्तार।

दमोहApr 30, 2019 / 10:21 pm

lamikant tiwari

The International Criminal of this machine is used, the accused caugh

The International Criminal of this machine is used, the accused caugh

दमोह. सिटी कोतवाली पुलिस ने मोबाइल एसेसरीज बदलने व चोरी के माबाइल खुर्दबुर्द करने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से चोरी के एक लाख रुपए कीमती २१ मोबाइल व ईएमआई नंबर बदलने वाली चायनीज मशीन सहित कम्प्यूटर व सहित अन्य सामग्री जब्त की है। तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
कोतवाली थाना प्रभारी आरके गौतम ने बताया है कि मोबाइलों की लगातार चोरी होने की शिकायतें आ रहीं थीं। जिसमें एसपी विवेक सिंह के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया था। जिसमें एएसपी विवेक कुमार लाल व सीएसपी मुकेश अबिद्रा के मार्गदर्शन में मोबाइल चुराने वाले आरोपियों तक पहुंचते का लक्ष्य बनाया गया। जिसमें उस आरोपी को भी हिरासत में लिया गया जो पिछले कई दिनों से चोरी के मोबाइलों की खरीद फरोख्त कर उसे नया रूप देकर बेचने में लगा था। इस लिंक से उस आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से चोरी एक मशीन से इएमआई नंबर बदलने के साथ उसकी पूरी एसेसरीज ही बदल देता था।
ऐसे हुआ खुलासा –
फुटेरा वार्ड निवासी प्रभात सोनी पिता राजेंद्र सोनी (२४) निवासी फुटेरा वार्ड नंबर दो के कब्जे से १७ मोबाइल जब्त किए गए। सभी मोबाइल अलग-अलग कंपनियों के थे जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपए थी। उसे जब्त किए गए। आरोपी ने लॉक तोड़कर चोरों से मोबाइल खरीदे थे। जिन्हें वह बेचने के लिए रखे हुए था। आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि राजकुुमार दुबे को बेचना बताया था। इसके बाद फुटेरा मोहल्ला निवासी राजकुमार दुबे को गिरफ्तार किया गया तो उसके कब्जे से चार मोबाइल जो चोरी के करीब २६ हजार रुपए कीमती बरामद किए गए।
चिप डालकर खोलता था मशीन से लॉक-
आरोपी राजकुुमार दुबे से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आरोपी प्रभात लॉक तुड़वाने का कार्य करता था। वह शिवा मोबाइल की दुकान में जाकर वहां रहने वाले अंकुर असाटी नामक व्यक्ति से किसी मशीन के द्वारा लॉक तुड़वाने का कार्य करता था। आरोपी अंकुर एक मशीन में चिप डालकर मोबाइल के लॉक खोलने के साथ उसकी पूरी एसेजरीज बदल देता था। मोबाइल की एसेजरीज बदलने के बाद स्वयं कंपनी को उसे पहचान पाना संभव नहीं हो सकता था। इसीलिए वह मोबाइल को नए सिर से तैयार कर चोरी के मोबाइल को बेच देता था।
आतंकवादी करते हैं इस मशीन का उपयोग –
सायबर सेल प्रभारी ने बताया कि आरोपी के पास से जो मशीन जब्त की गई है, उसे सायबर क्राइम के उपयोग में लिया जाता है। उस मशीन से मोबाइल में एक किसी भी व्यक्ति के नंबर को बनाकर उसके नाम से फोन करके किसी को भी फोन लगाकर दुरुपयोग किया जा सकता है। खास बात यह है कि उस मशीन से ईएमआई नंबर बदलकर उसका उपयोग अंतराष्ट्र्र्रीय कॉल करने के भी लिया जा सकता है। जिसे अधिकांशत: अंतर्राष्ट्रीय अपराधी या फिर आतंकवादी उस मशीन का उपयोग करते हैं।
इनके सहयोग से पकड़े आरोपी –
मामले में थाना प्रभारी कोतवाली आरके गौतम के नेतृत्व में बनाई गई टीम में एसआई मनोज यादव, प्रधान आरक्षक मनीष यादव, आरक्षक मनीष गंधर्व, कुलदीप सोनी, साइबर सेल प्रभारी राकेश अठया, सौरभ टंडन व अजीत दुबे के सहयोग से आरोपियों तक पहुंचा जा सका। जिनके कब्जे से २१ मोबाइल, कम्प्यूटर सहित करीब डेढ़ लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई। एसपी विवेक सिंह ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। आरोपियों के खिलाफ धारा ४६७,४६८ सहित अन्य धाराओं का मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।
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