इस बड़े उद्योग में 80 फीसदी कर्मचारी बाहरी –
वर्तमान में जिले में अगर पूर्व से लगी सीमेंट फैक्ट्री नरसिंहगढ़ व इमलाई प्लांट को छोड़ दिया जाए, तो कोई भी बड़ा उद्योग जिले के बेरोजगारों के लिए रोजगाद देने उपलब्ध नहीं है। सीमेंट फैक्ट्री में भी ७० से ८०फीसदी बाहर से आए हुए लोग ही कार्यरत हैं। जिसमें दूसरे प्रांतों से आए लोगों की संख्या सर्वाधिक है। केवल लेवर ही मजदूरी करते हुए ठेकेदारों के संरक्षण में मजदूरी कर रहे हैं। बड़े पदों पर जिले के बाहर से आए हुए लोग ही पदस्थ रहकर कार्य कर रहे हैं।
यह छोटे उद्योगों से जुड़े हैं ५ फीसदी बेरोजगार –
जिले में स्थापित छोटे उद्योगों की बात की जाए तो जिले में कृषि उपकरण निर्माण, ट्रैक्टर-ट्रॉली निर्माण, गुड़ निर्माण, बारदाना निर्माण, दाल मिल, बेसन मिल, आटा मिल, मेंदा मिल, आलू चिप्स निर्माण, मोटर व्हीकल सर्विसिंग एंड रिपेयरिंग सेंटर, मिनरल वाटर निर्माण, मोटर वाइंडिंग, बैटरी वॉटर निर्माण, पापड़, बरी उद्योग अचार उद्योग, रेग्जीन बैग निर्माण, रेग्जीन सीट कवर निर्माण, हवाई चप्पल निर्माण, होलो ब्रिक्स निर्माण, कूलर निर्माण, जूता निर्माण, आइस फैक्ट्री, मिनी ऑफसेट, अगरबत्ती निर्माण, कोल्ड स्टोरेज, रबर स्टांप निर्माण, स्टोन क्रेशर निर्माण के मझोले उद्योग ही जिले में संचालित हो रहे हैं।
जिले के गैसाबाद में सीमेंट फैक्ट्री लगाए जाने को लेकर बेरोजगारों में काफी उम्मीदें हैं। जिले में साउथ की सीमेंट कंपनी इंडिया द्वारा दमोह में प्लांट लगाए जाने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। जिसमें पन्ना जिले से रॉ मटेरियल एकत्रित किया जाएगा, जिससे इन दोनों जिलों में विकास के नए द्वार खुले हुए माने जा रहे हैं। इस मामले में १५ जून को विधायक राहुल सिंह के निवास पर सीमेंट के सीनियर वाइस प्रसीडेंट नरेश रेड्डी व वाइस प्रसीडेंट यतींद्र शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विभिन्न जानकारी दी थी। शाह ने बताया कि मेसर्स स्प्रिंगवे माइनिंग प्रालि मेसर्स इंडिया सीमेंट प्रालि की सहायक कंपनी है। कंपनी गैसाबाद क्षेत्र में करीब 130 हेक्टेयर कृषि भूमि अधिगृहित करेगी। कंपनी द्वारा रॉ मटेरियल के लिए पन्ना जिले की पवई तहसील के कोलखरिया गांव की माइंस भूमि 499 हेक्टेयर लीज पर ली है। यहां कंपनी ने पिट व अन्य सर्वे में पाया है कि आगामी 120 सालों तक यहां से रॉ मटेरियल की उपलब्धता रहेगी। जिसकी जिम्मेदारी मिल गई है। इस फैक्ट्री में स्थानीय बेरोजगार लोगों को रोजगार देने की बात सामने आई थी। जिसमें जिले में वांछित योग्यताधारी युवा व डिग्रीधारी मिल जाएंगे तो स्थायी रूप से करीब 250 वर्करों के लिए रोजगार के अवसर दिए जाने का वादा किया गया है। परोक्ष रूप से करीब 5 हजार युवाओं को रोजगार दिए जाने का अनुमान है।
पांचवीं से बीई तक रजिस्टर्ड हैं करीब ५२ हजार –
जिला रोजगार कार्यालय में होने वाले रजिस्ट्रेशनों में कक्षा पांचवीं से लेकर अलग-अलग कैटेगिरी की बात की जाए तो १०वीं, १२ वीं, बीए, बीएससी, बीकॉम, बीई, एमई व पीएचडी सहित करीब ५२ हजार शिक्षित बेरोजगार ऐसे हैं जिनके रजिस्टे्रेशन हैं। इस संख्या पर अगर गौर किया जाए तो किसी बड़े दो-चार उद्योगों की स्थापना होने से इस संख्या में करीब ६० फीसदी तक कमी होने की गुंजाइश है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि अभी इस तरह की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।
जिले को अभी तक किसी भी क्लस्टर में शामिल नहीं किया गया है। अभी किसी भी प्रकार से कोई इंवेस्टरर्समीट की जानकारी नहीं है।
शंभुनाथ पाठक – जिला व्यापार एवं उद्योग