बाघिन को नहीं भा रहा कोर ग्रुप, बढ़ रही बफर जोन की ओर
बफरजोन में बाघ की दहाड़ गूंजती रहती है
tigers and cubs in Panna Tiger Reserve
दमोह. पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर गु्रप से निकलकर जो बाघिन मडिय़ादो गांव की सरहद को छू कर जबरन अमानगंज कोर गु्रप में खदेड़ी गई थी, उसके कदम अब फिर बफरजोन मडिय़ादो क्षेत्र की ओर बढऩे लगे हैं। इसके अलावा अनकॉलर बाघ की उपस्थिति अब भी बफरजोन में बनी हुई है।
पन्ना टाइगर रिजर्व से मडिय़ादो, किशनगढ़ बफरजोन में घूम चुकी बाघिन टी 213-33 मंगलवार को पन्ना कोर में गु्रप में पहुंच गई थी। इस दौरान पीटीआर टीम व बफरजोन के वन अमले ने राहत की सांस ही ली थी कि बुधवार को फिर बफरजोन संदेशा आया है कि कोर ग्रुप पहुंची बाघिन ने फिर अपने कदम बफरजोन के ओर बढ़ा दिए हैं, अभी भी वह उसी रास्ते से चल रही है, जिस रास्ते से वह मडिय़ादो जंगल पहुंची थी।
बफर जोन का मनोरम दृश्य कंदराएं, पहाडिय़ां कोर गु्रप के बजाए बाघों को भा रही है। इसलिए बफरजोन में बाघ की दहाड़ गूंजती रहती है। हाल ही में जनगणना के दौरान एक बाघ के पद चिह्न लगे है। वह अनकॉलर बाघ है, जिससे उसकी लोकेशन लेना बढ़ा मुश्किल है, लेकिन पगमार्ग व विष्टा से उसकी लोकेशन अब भी बफर जोन के जंगल में मिल रही है। यदि बाघिन की यही रफ्तार रही और पीटीआर टीम बीच में बाधा नहीं बनी तो बाघिन के मडिय़ादो क्षेत्र में पहुंचने के आसार बन रहे हैं। गुरुवार की रात तक वह क्षेत्र में दाखिल हो सकती है। पहले से अनकॉलर बाघ व अब कॉलर से लैस बाघिन की आमद से जंगल में एक बार फिर से हलचल बढऩे के साथ ही वन अमले की जिम्मेदारियां बढऩे लगी है।
किशनगढ़/ मडिय़ादो बफरजोन प्रभारी राजेंद्र सिंह नरगेश का कहना है कि पहले से ही एक अनकॉलर बाघ घूम रहा है, अब वापस भेजी गई बाघिन ने पुन: अपने कदम बफरजोन की ओर बढ़ा दिए है और अभी वह अमानगंज के कोरग्रुप को पार कर चुकी है।
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