सड़क पर रफ्तार से दौड़ते हुए अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो रहे वाहन
रफ्तार को कंट्रोल करने वाले सड़क के दिशा संकेतक गायब
Vehicles becoming victims of accident due to uncontrolled speeding on the road
दमोह. सड़क पर तेज रफ्तार दौड़ते वाहन अचानक पलटने की घटनाएं बढ़ रही है। दमोह जिले में हर दो दिन में एक ऐसी घटना सामने आ रही है, अकेले जा रहे वाहन अचानक पलट रहे हैं। यह घटनाएं सबसे ज्यादा हाइवे पर ज्यादा सामने आ रहे हैं।
हाइवे पर 80 से 90 किमी की रफ्तार में दौड़ते वाहन अचानक पलटकर सड़क के किनारे पेड़ों, खखरी या पुलिया से टकरा रहे हैं। कुछ सड़क के नीचे खाई बनी होने से उसमें गिर रहे हैं। इन हादसों में घायल होने के अलावा लोग चोटिल भी हो रहे हैं। जो दुर्घटनाग्रस्त हुए या जो इन हाइवे पर नियमित वाहन चला रहे हैं। उनका मानना है कि दमोह जिले से निकले सभी हाइवे निर्माण के दौरान सड़क निर्माण में कई जगह लेबल नहीं मिलाया गया है जिससे सड़कों में जर्क से वाहन उछल रहे हैं। मोड़, टेपर, पुलिया सहित अन्य अवरोधकों से अवगत कराने वाले सूचना पटल नहीं लगाए गए हैं।
22 ब्लैक पाइंट जहां हो रहे हादसे
दमोह जिले मेें 20 से अधिक एक्सीडेंटल पाइंट हैं, जहां पर हादसे लगातार सामने आते रहते हैं। जबेरा से गुबरा के बीच 4 ब्लैक पाइंट हैं। तेंदूखेड़ा से 27 मील के बीच 3 ब्लैक पाइंट, दमोह से निकले सागर-कटनी बायपास पर भी 2 नए ब्लैक पाइंट उभरकर सामने आए हैं। कटनी-दमोह हाइवे पर कुम्हारी से लेकर घाट पिपरिया तक 3 एक्सीडेंटल पाइंट, सरखड़ी से टोल प्लाजा तक 2 ब्लैक पाइंट, नरसिंहगढ़ से चंपत पिपरिया के बीच 2 ब्लैक पाइंट, बटियागढ़ से बक्स्वाहा रोड पर बड़ी चढ़ाई व छोटी चढ़ाई 2 ब्लैक पाइंट, पटेरा से बेला तक 2 ब्लैक पाइंट व इमलाई से सागर नाका ओवर ब्रिज बायपास पर 2 नए ब्लैक पाइंट बन चुके हैं।
हड़ऊ घाटी पर संकेतकों से रुके हादसे
ब्लैक पाइंट चिह्नित कर संकेतक, सड़क पर क्रास लाइनें या रात के लिए रेडियम न लगाए जाने से लगातार हादसे सामने आ रहे हैं। तेंदूखेड़ा से 27 मील के पास हड़ऊ घाटी पर प्रतिदिन हादसे सामने आ रहे थे, एक बड़ी बस दुर्घटना भी हुई थी, उसके बाद एमपीआरडीसी ने इस स्थल को चिह्नित किया। वहां संकेतक लगाए गए, सड़क को ठीक कराया गया है, जिस इस ब्लैक पाइंट पर अब हादसे रुक गए हैं, चलते-चलते ट्रकों के पलटने की घटनाएं भी सामने नहीं आ रही है। पहले हर दिन एक हादसा सामने आ रहा था।
केस-1
8 जुलाई को दमोह-छतरपुर हाइवे पर चंपत पिपरिया के पास सीमेंट फैक्ट्री की एंबुलेंस रफ्तार में चलते-चलते अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक भी घायल हुआ। चालक का कहना है कि वह हमेशा इस सड़क से निकलता है, जिसमें जर्क व टेपर होने के कारण उछलने से वह स्टेयरिंग से नियंत्रण खो बैठा और यह हादसा सामने आ गया।
केस-2
6 जुलाई को दमोह-कटनी हाइवे पर घाट पिपरिया के पास पर चार दोस्त कार से जा रहे थे। 90 से ऊपर दौड़ रही कार में अचानक हल्के सा मोड़ आने पर उछल गई, चालक युवक नियंत्रण खो बैठा और चार पलटी खाती हुई कार नीचे खाई में गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई। जिसमें सवार चारों को चोटें आई थीं, जिनमें से एक गंभीर घायल हो गया था।
केस- 3
6 जून सागर-कटनी बायपास दमोह पर नए बन रहे एक्सीडेंटल पाइंट पर कार चलते-चलते हादसे का शिकार हुई। जिसमें 2 युवकों की मौत हो गई थी। इसी बायपास पर दो साल पहले पथरिया विधायक के पुत्र की कार भी दुर्घटना ग्रस्त हुई थी। अब यह शहर के नजदीक नया ब्लैक पाइंट बन रहा है।
केस-4
11 मई तेंदूखेड़ा से रहली होकर निकले सागर-जबलपुर हाइवे पर झलौन के नादिया हार के पास एक कार अचानक चलते-चलते पलटकर खकरी से टकरा गई थी, यहां भी एक मोड़ दुर्घटना का कारण बना था। इसके अलावा इस मार्ग पर जंगल में इसी तरह चलते-चलते वाहन पलटने की पूर्व में भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।