video: दमोह मंडी में किसके इशारे पर उग्र हुए किसान, पीटा कर्मचारी को
पुलिसकर्मियों ने किया अलग, कपकपा कर कार्यालय में भागे, उड़द की खरीद के दौरान हो रहे विरोध में शुल्क के नाम पर अधिक रुपए लेने का लगा था आरोप, कुछ जनप्र
Farmers run caught and beaten assistant sub-inspector
दमोह. कृषि उपज मंडी में उड़द को लेकर मच रहा बवाल रोज बड़ता ही जा रहा है। गुरुवार को हंगामा कर रहे किसानों ने मंडी के सहायक उपनिरीक्षक पर ही हमला कर दिया। इन्हें न सिर्फ किसानों से दौड़ाया, बल्कि पकड़कर मारपीट भी कर दी। गनीमत रही कि मौके पर पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें किसानों के चुंगल से निकाल लिया, नहीं तो बड़ा हादसा गुरुवार को हो सकता था। एसडीएम ने पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए है।
गुरुवार को भी बड़ी संख्या में मंडी पहुंचे किसानों ने उस समय हंगामा खड़ा कर दिया। जब प्रवेश पर्ची में काटा-पीटी कर दूसरे किसानों की डाक की जाने लगी। दोपहर करीब १ बजे शुरू हुआ हंगामा बडऩे के बाद कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने एसडीएम सीपी पटैल को मौके पर भेजा। जहां किसानों ने उन्हें पूरी समस्या से अवगत कराया। किसानों ने बताया कि वह दो से तीन दिनों से यहां बैठे हुए है, लेकिन उनके अनाज की डाक न कराते हुए आज आए लोगों की डाक कराई जाने लगी है। साथ ही गेट पास में तारीख से भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया। एसडीएम के आश्वासन के बाद सभी किसान मान गए। इस दौरान करीब घंटे भर तक खरीद बंद रही।
मामला यहां ठंडा ही हुआ था कि कुछ राजनीतिक लोगों ने पहुंचकर किसानों का हमदर्द बनने का प्रयास शुरू कर दिया। राजनीति और किसानों के बीच कृषि उपज मंडी के सहायक उपनिरीक्षक अरविंद तिवारी फंस गए। पहले तो उनको सवालों में उलझाया गया। मंडी शुल्क के नाम पर अधिक रुपए लेने की बात स्वीकार कराई गई। एक किसान के दो सौ रुपए भी वापस कराए गए। इसके बाद हुई भाषणबाजी से किसान उग्र हो गए। जबकि सहायक उपनिरीक्षक वहां से जाने लगे।
इसी दौरान कुछ लोगों ने किसानों को इशारा किया और किसान सहायक उपनिरीक्षक के पीछे दौडऩे लगे। डर के मारे वह भी भागने लगा, लेकिन किसानों ने उसे पकड़ा और मारपीट शुरू कर दी। मौके पर एसडीएम सीपी पटैल और उसके साथ आए पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। जिन्होंने तत्काल ही सहायक उपनिरीक्षण को किसानों के हाथ से छुड़ा लिया। तत्काल ही वह मंडी कार्यालय में भागे। जो काफी डरे हुए नजर आए। इस दौरान किसानों का कहना था कि मंडी प्रवेश शुल्क ५ रुपए निर्धारित है, जबकि इनके द्वारा १० रुपए लिया जाता है। जबकि सांठगांठ कर अधिक वसूली भी की जाती है।
इस घटनाक्रम के बाद एसडीएम ने भी उक्त कर्मचारी से जाकर बात की। साथ ही मंडी में बिगड़ते हालात को देखकर पुलिस को बुलाया गया। इसके बाद स्वयं मौके से निकल गए। बाद में देहात थाना पुलिस, सागर नाका चौकी पुलिस ने मंडी पहुंचकर मोर्चा संभाला। इधर मारपीट की घटना के बाद राजनीतिक लोग भी मंडी से दबे पाव निकल गए। बाद में उड़द की डाक एक बार फिर शुरू की गई।
ेइस संबंध में एसडीएम सीपी पटैल का कहना है मंडी में हंगामा की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचा था। जहां किसानों की समस्याओं को सुलझाया गया। कर्मचारी से मारपीट वाले मामले को जांच में लिया है। उचित कार्रवाई की जाएगी।
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