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जननी एक्सप्रेस के थमे पहिए, ऑटो से पहुंची जननी

locationदमोहPublished: Sep 09, 2021 08:53:19 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

प्रसव के बाद घर जाने का सहारा ऑटो ही बना

Wheels on Janani Express, Janani reached by auto

Wheels on Janani Express, Janani reached by auto

दमोह. अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने के उद्देश्य से जनन एक्सप्रेस वाहनों के पहिए 9 सितंबर से थम गए हैं, जिले में 20 जननी एक्सप्रेस संचालित हैं। जो प्रसव पीड़ा प्रसूताओं को अस्पताल लाकर सुरक्षित प्रसव कराने के बाद उन्हें वापस घर भेजने का काम भी करती थीं। जननी एक्सप्रेस के संचालकों के हड़ताल पर चले जाने से जिला अस्पताल पहुंचने का जरिया ऑटो बन गए थे।
जननी एक्सप्रेस के संचालकों ने बताया कि 8 सितंबर को उनकी निविदा समाप्त हो गई है। जिगित्सा कंपनी मुंबई से उनका करारनामा है। प्रत्येक वाहन की सुरक्षा निधि 50 हजार रुपए और 3 माह का करीब 3 लाख 50 हजार रुपए बकाया है। इसके अलावा जब उनका टेंडर हुआ था तब पेट्रोल व डीजल के दाम 65 रुपए के आसपास थे। अब 110 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए हैं। जबकि उन्हें भुगतान पुरानी शर्तों पर किया जा रहा है। जब दाम बढ़े तो संचालकों ने वाहन चलाने में असमर्थता जताई तब कंपनी ने धमकाया कि यदि बीच में वाहन बंद करेंगे तो निविदा शर्तों का उल्लंघन होगा, फिर बाद में टेंडर नहीं मिलेगा। संचालक लगातार पिछले 3 माह से घाटे में अपने वाहन चला रहे थे। अब निविदा समाप्त हो चुकी है तो पहले उनका बकाया भुगतान और सुरक्षा निधि उन्हें वापस की जाए। संचालकों का कहना है कि सरकार ने जिगित्सा कंपनी का टेंडर 3 माह के लिए बढ़ा दिया है। अब यदि 3 माह बाद उनका भुगतान नहीं हुआ और कंपनी प्रदेश से मुंबई वापस चली गई तो उनकी सुरक्षा निधि के साथ बकाया भुगतान डूब जाएगा। जिससे प्रत्येक वाहन मालिक के लिए 4 लाख रुपए का नुकसान हो जाएगा। जिससे जननी एक्सप्रेस वाहन मालिकों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं।
जिले भर में प्रसूताओं को हुई परेशानी
जननी एक्सप्रेस के पहिए थमने के बाद लोगों ने कॉल किया लेकिन जब आने की कोई संभावना नहीं हुई तो ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्र की प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने का काम ऑटों करने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से बसों से आ रहीं महिलाओं को बस स्टैंड के बाद जिला अस्पताल तक ऑटो से लाया जा रहा था। गुरुवार को दमोह में रुक-रुक कर बारिश हो रही थी, जिससे प्रसूता व उसके साथ आने वाली महिलाएं भीगते हुए अस्पताल पहुंच रहीं थीं।
जननी एक्सप्रेस रुकने से गांवों में समस्या
ग्रामीण अंचलों में जननी एक्सप्रेस वाहन प्रसव पीड़ा के बाद प्रसूताओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल पहुंचाने का सुलभ साधन था। जो गांव से लाकर अस्पताल व प्रसव के बाद घर छोडऩे का जिम्मा उठाती थी। गुरुवार से ऐसी प्रसूताओं के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके अलावा पहुंचने में भी काफी वक्त लगा। क्योंकि ऑटो अपनी रफ्तार से चला जिससे समय पर प्रसूताएं अस्पताल नहीं पहुंच पाईं और उन्हें प्रसव पीड़ा भोगनी पड़ी।
सीरियस प्रसूताओं को ला रही 108 एंबुलेंस
आकस्मिक चिकित्सा वाहन 108 को भी प्रसूताओं को लाने के लिए कॉल मिल रही थीं, लेकिन यह केवल सीरियस मरीजों को लाने का प्रयास कर रही थी। दमोह जिले में 11 की संख्या में 108 वाहन हैं, जिन पर प्रसूताओं के अलावा आकस्मिक गंभीर मरीजों को भी जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व मेडिकल कॉलेज जबलपुर पहुंचाने की जिम्मेदारी है। प्रसूताओं को 108 वाहन से लाने की मदद तो की जा रही थी, लेकिन घर वापसी के लिए ऑटो ही सहारा बन रहा था।
 
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