एडीपीओ सतीष कपस्या ने बताया कि 25 फरवारी 2019 को एसटीएफ में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ रघुवीर सिंह सरौंते ने मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर सुनार नदी के पुल के पास पहुंचकर स्टाफ के साथ लाल रंग की बाइक बटियागढ़ तरफ से आते समय दो व्यक्तियों को प्रथम टीम ने रोकने का प्रयास किया था। जिन्होंने भागने की कोशिश की। जिन्हें आरक्षक निरमल सिंह एवं छत्रपाल सिंह ने दौड़कर पकड़ा था। बाइक के चालक से नाम पूछने पर उसने अपना नाम शाहिद खान होना बताया और पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम दुरग सिंह लोधी होना बताया था।
सर्चिंग करने पर शाहिद के कब्जे से 2 नग देशी कट्टा, एवं एक नग कारतूस किया था। इसके बाद अभियुक्त दुरग सिंह की तलाशी लेने पर एक नग देशी कट्टा जिसकी बैरल में एक कारतूस फं सा हुआ जब्त किया। आरोपी दुरग सिंह एक लाल रंग की थैली में 3 नग देशी कट्टे एवं एक पन्नी के अंदर चार नग 315 बोर के जिंदा कारतूस लिए था। दुरग सिंह से कट्टे के दस्तावेज के संबंध में पूछे जाने पर अभियुक्त दुरग सिंह ने भी दस्तावेज नहीं होना बताया था। जिसमें दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया गया था।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित पाते हुए न्यायालय ने आरोपियों को दोषसिद्ध पाया। जिन्हें सजा सुनाई गई।