scriptबोधघाट परियोजना का नए सिरे से हो सकता है सर्वे, जानिए 90 के दशक में क्यों बंद हो गई थी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना | survey BodhGhat project barsur, Chief Engineer Water Resources inspect | Patrika News
दंतेवाड़ा

बोधघाट परियोजना का नए सिरे से हो सकता है सर्वे, जानिए 90 के दशक में क्यों बंद हो गई थी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना

जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर समेत अन्य ने किया मौके का मुआयना

दंतेवाड़ाJun 08, 2020 / 05:29 pm

Badal Dewangan

बोधघाट परियोजना का नए सिरे से हो सकता है सर्वे, जानिए 90 के दशक में क्यों बंद हो गई थी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना

बोधघाट परियोजना का नए सिरे से हो सकता है सर्वे, जानिए 90 के दशक में क्यों बंद हो गई थी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना

दंतेवाड़ा. बारसूर के नजदीक सातधार से होकर बहने वाली इंद्रावती नदी पर बहुप्रतीक्षित बोधघाट सिंचाई परियोजना के फिर से सर्वे शुरू हो गया है। रविवार को राज्य के जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर राजेश कुमार नागरिया, अधीक्षण अभियंता शेख शाकिर, कार्यपालन अभियंता शंकर ठाकुर समेत केंद्रीय जल आयोग के अफसरों ने सातधार पहुंचकर मौका मुआयना किया। टीम में सर्वे एजेंसी वेपकोस के अफसर भी शामिल थे। इसमें इंद्रावती नदी के जल स्तर से लेकर परियोजना की शुरूआत में तैयार किए गए स्ट्रक्चर समेत अन्य तकनीकी बातों की जानकारियां जुटाई गई। इसमें ट्रोपोग्राफी से प्रस्तावित बांध की ऊंचाई से लेकर डुबान क्षेत्र में आने वाले इलाके समेत अन्य चीजों की बारीक पड़ताल की गई। इसके बाद जल्द ही एरियल सर्वे भी शुरू हो जाएगा। जिसमें ड्रोन से सर्वे कर इलाके के फ ोटोग्राफ जुटाए जाएंगे, जिससे प्रस्तावित इलाके में वन क्षेत्र, मकान, पहाड़ी व समतल इलाके, खेत आदि की जानकारियां मिलेंगी। इस सर्वे के आधार पर डीपीआर यानि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

जमींदोज हो चुके पहले बनाए गए ज्यादातर स्ट्रक्चर
बोधघाट परियोजना के लिए शुरूआती दौर में करीब 100 करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके थे। जिसमें परियोजना स्थल पर पुल निर्माण से लेकर पानी डायवर्ट करने का अस्थाई स्ट्रक्चर अंडरग्राउंड रेस टनल, साइट आफिस, रेस्ट हाऊस, विद्युत सब स्टेशन, डबल लेन सडक़, आवासीय कॉलोनी से लेकर अन्य अधोसंरचना का निर्माण हो चुका था। इनमें से बारसूर से सातधार के बीच बना आवासीय कालोनी परियोजना के डिब्बा बंद होने से जमींदोज हो गई। कुल 500 मेगावाट की पन बिजली परियोजना को इंदिरा सरोवर परियोजना नाम दिया गया था। इसके लिए विश्व बैंक ने 300 मिलियन डालर का कर्ज मंजूर किया था। परियोजना के बीच में बंद होने से इसकी वर्तमान लागत बढक़र 20 हजार करोड़ रूपए हो गई है।

मीडिया की मौजूदगी से भडक़े चीफ इंजीनियर
सर्वे के पहले दिन मौके का मुआयना करने पहुंचे चीफ इंजीनियर राजेश कुमार नागरिया सातधार पुल के निरीक्षण के दौरान मीडिया की मौजूदगी से खासे नाराज हो गए। उन्होंने अपनी झुुंझलाहट जल संसाधन विभाग के अपने अधीनस्थ अफसरों पर उतारी। उन्होंने कहा कि इस गोपनीय प्रवास की जानकारी मीडिया को कैसे लीक कर दी गई। वे चुपचाप काम करना चाहते थे। लेकिन अब मीडिया वाले यहां मौजूद हैं। जरूर यह विभाग के स्थानीय अफसरों का काम है। नाराजगी जताते हुए चीफ इंजीनियर ने गाडिय़ां वापस मोडऩे को कहा और लौटकर दूसरी तरफ चले गए।

Home / Dantewada / बोधघाट परियोजना का नए सिरे से हो सकता है सर्वे, जानिए 90 के दशक में क्यों बंद हो गई थी राज्य की सबसे बड़ी परियोजना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो