शासन भी चौकन्ना
तो दूसरी तरफ सरकार भी इस मुद्दे को लेकर के पूरी तरह चौकस दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Chhattisharh CM) को जैसे ही इस बात की सूचना मिली उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, और उनको पूरी तौर पर न्याय देने का भरोसा दिया है । ऐसे में यह लगता है कि प्रशासन इस मामले पर सकारात्मक संज्ञान जरूर लेगा। फिलहाल धरना खत्म हो चुका है और आदिवासी अपने अपने घरों की ओर प्रस्थान करना शुरू कर चुके हैं।
कुछ लोग आंदोलन खत्म करना चाहते हैं
इधर, बुधवार दोपहर आंदोलन में शामिल होने पहुंचे सांसद सोहन पोटाई ने 15 जून को बस्तर बंद का ऐलान कर दिया है। इस बीच बुधवार को आंदोलन स्थल पर संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति की कई दौर की बैठकें हुईं। बैठक का मकसद आंदोलन की दिशा तय करना था, लेकिन ऐसा देर शाम तक हो नहीं पाया। इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि समिति के कुछ लोग आंदोलन खत्म करना चाहते हैं, तो कुछ आंदोलन को आगे जारी रखने के पक्षधर हैं। हालांकि इस मामले पर आंदोलन समिति (Movement committee) ने कुछ नहीं कहा।
एक ओर नृत्य तो दूसरी ओर सुकून भरी नींद
रात 11 बजे पुलिस बल ने मोर्चा संभालना शुरू किया। १ बजे तक पूरे आंदोलन स्थल को घेरा लेकिन तस्वीर में बदलाव सिर्फ इतना ही था कि आंदोलन स्थल पर ग्रामीणों के साथ ही पुलिस बल की संख्या भी बढ़ चुकी थी। ग्रामीण आराम से नृत्य कर रहे थे। वहीं ज्यादातर अपनी नींद पूरी करते दिखे। रात २ बजे तक बैलाडीला और बचेली तक संगीनों के साए में भी आंदोलन शातिपूर्वक चलता रहा।