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दंतेवाड़ा

इन मासूमों ने ऐसा क्या कर दिया कि मां-बाप के होते हुए भी हो गए अनाथ

दोनों ही मामले में बच्चा बेचने का अंदेशा है एक में तो ये साबित हो चुका है, जबकि दूसरे मामले में ये साबित नहीं हो पाया है। जो पाल रहा है वो भी कानूनी प्रक्रिया का खामियाजा भुगत रहे है, जबकि मामले में डीएन टेस्ट करवाकर बच्ची को गोद दिया जा सकता है।

दंतेवाड़ाMay 13, 2019 / 09:33 pm

Deepak Sahu

lost childrens

इन मासूमों ने ऐसा क्या कर दिया कि मां-बाप के होते हुए भी हो गए अनाथ

रायपुर. बीते 15 दिन पहले ही कोटा स्थित मातृछाया में साढ़े 3 साल की मासूम लाई गई थी और दो माह पहले 15 दिन की बच्ची को संबलपुर से आईसीपीएस की टीम लाई थी। दोनों मासूम के माता-पिता जिंदा है लेकिन व्यवस्था के लचीलेपन ने दोनों से ही उनके परिजन छीन लिए।
दोनों ही मामले में बच्चा बेचने का अंदेशा है एक में तो ये साबित हो चुका है, जबकि दूसरे मामले में ये साबित नहीं हो पाया है। जो पाल रहा है वो भी कानूनी प्रक्रिया का खामियाजा भुगत रहे है, जबकि मामले में डीएन टेस्ट करवाकर बच्ची को गोद दिया जा सकता है।
इस मामले में जिला बाल सरंक्षण अधिकारी ने बताया कि हमने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) को मामला सौंप दिया था। सीडब्ल्यूसी ने चाइल्ड लाइन को एफआईआर करने के लिए निर्देशित दिया है। हमारा काम है बच्चों को सरंक्षण देना।
वहीं दूसरी और सीडब्ल्यूसी की चंद्रकला पटेल ने बताया कि हमने आईसीपीएस के नोडल अधिकारी संजय निराला को गुढिय़ारी थाने में एफआईआर दर्ज कराने निर्देश दिया था। हम चाइल्ड लाइन को निर्देश नहीं देते है क्योंकि चाइल्ड लाइन का काम है बच्चों का रेसक्यू करना। हम या तो नोडल अधिकारी या जिला बाल सरंक्षण अधिकारी को निर्देशित करते है। वहीं जिला बाल सरंक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार कहते है कि हमें सीडब्ल्यूसी ने कोई निर्देश नहीं मिला है।

मामले में लीपापोती की यह हो सकती है वजह

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मातृछाया में 15 दिन से जो बच्ची है उसके मामले में राजनीतिक दवाब बनाया जा रहा है। इस कारण जिला बाल सरंक्षण अधिकारी मामले में पीछे हट रहे है।
केस 1
मार्च में मौदहापारा थाने में बच्चा चोरी का मामला दर्ज हुआ था जिसमें रायपुर की रहने वाली महिला ने 40 हजार में संबलपुर के एक व्यक्ति को अपनी 2 दिन की बच्ची बेच दी थी। मामले का खुलासा होने पर रायपुर से ही सीडब्ल्यूसी की टीम ने इस मामले में मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जुवेनाइल जस्टिस की धारा 80 और 89 के तहत इस मामले में बच्चे की मां, गोद लेने वाला व्यक्ति, और सौदा कराने वाले ३ लोग आज जेल में है और २ दिन की मासूम आज मातृछाया में है।
केस 2

इस मामले में गुढिय़ारी थाने में मामला दर्ज कराया है। इसमें राम नगर से 15 जिन पहले साढ़े ३ साल की बच्ची को रेसक्यू करते मातृछाया में लाया गया था। सीडब्ल्यूसी में दर्ज इस मामले में बच्ची की बायलॉजिकल मां, गोद लेने वाला परिवार की गवाही दर्ज हुई है।
बच्ची की मां के पास बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं है, न ही मां के पास आधार कार्ड है। इस स्थिति में बच्ची को किसी को भी नहीं सौंपा जा सकता। ९ मई को मामला गुढिय़ारी थाने में दर्ज कराया गया था। लेकिन अभी तक मामला वहीं है और मासूम मातृछाया में अपनी मां के लिए रो रही है।

आदेश आदेश खेल रहे हैं अधिकारी

1. हमें सीडब्ल्यूसी ने कोई निर्देश नहीं मिला है

हमारा काम है बच्चों को सरंक्षण देना हमें सीडब्ल्यूसी से इस मामले में कोई निर्देश नहीं मिला है। चाइल्ड लाइन ने रेसक्यू करा था तो वहीं एफआईआर करवाएंगा।
-नवनीत स्वर्णकार, जिला बाल सरंक्षण अधिकारी
2. नोडल अधिकारी को एफआईआर कराने आदेश दिया है

जिला बाल सरंक्षण अधिकारी और नोडल अधिकारी को ही हम आदेश देते है। चाइल्ड लाइन सिर्फ रेसक्यू करने का काम करती है। बच्ची की पहचान के कोई कागज उसकी मां के पास नहीं मिले इस कारण हमने पुलिस को मामला दिया है। सीडब्ल्यूसी इस मामले पर कार्रवाई करेंगी।
-चंद्रकला पटेल, सीडब्ल्यूसी
3. मामले में जांच के बाद अपराध दर्ज होगा

हमारे पास गैर कानूनी तरीके से बच्ची गोद लेने का मामला आया है। इस मामले में संबंधित लोगों से बयान लिए जाएंगे उसके बाद ही अपराध दर्ज होगा
-सुशांतो बेनर्जी, गुढिय़ारी थाना प्रभारी

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