script9 गांवों की प्यास बुझाने जिस प्रोजेक्ट का 7 साल पहले मुख्यमंत्री ने किया था भूमिपूजन, लॉकडाउन में भागे मजदूर, और….. | Workers of water project run away due to lockdown, CM did Bhoomipujan | Patrika News
दंतेवाड़ा

9 गांवों की प्यास बुझाने जिस प्रोजेक्ट का 7 साल पहले मुख्यमंत्री ने किया था भूमिपूजन, लॉकडाउन में भागे मजदूर, और…..

नौ गांवों की प्यास बुझाने वाला छिंदनार मेगा वाटर प्रोजेक्ट से सप्लाई अब तक शुरू नहीं, पेयजल संकट से जूझ रहे गीदम को फिलहाल नहीं मिल पा रही राहत

दंतेवाड़ाMay 17, 2020 / 05:48 pm

Badal Dewangan

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दंतेवाड़ा. लॉक डाउन का असर छिंदनार मेगा वाटर प्रोजेक्ट पर पड़ा है। इस प्रोजेक्ट में टेस्टिंग शुरू होने से पहले लॉक डाउन लग गया और लंबे समय से खाली बैठे मजदूर किसी तरह भाग निकले। सभी मजदूर शहडोल मध्यप्रदेश के निवासी हैं। अब प्रशिक्षित मजदूरों के अभाव में वाटर प्रोजेक्ट की टेस्टिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इससे व्यवसायिक नगरी गीदम समेत 9 बसाहटों को पेयजल समस्या से निजात इस गर्मी में भी नहीं मिल सकी है। पीएचई के कार्यपालन अभियंता प्रोजेक्ट का कहना है कि टेस्टिंग में 3 माह का समय लगता है। ठेकेदार को वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है।

70 लाख लीटर पानी रोजाना फिल्टर होगा
इस मेगा प्रोजेक्ट के जरिये रोजाना 70 लाख लीटर पानी को साफ कर सप्लाई किया जाएगा। इसके लिए छिंदनार के नजदीक इंद्रावती नदी में इनटेक वेल बनाया गया है। जिससे पानी लेकर कासोली में निर्मित 7 एमएलडी क्षमता वाले फिल्टर प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। फिल्टर प्लांट में साफ हुआ पानी संबंधित गांवों के ओवरहेड टंकी तक पहुंचेगा।

जहां से नलों के जरिए पानी की सप्लाई होगी
फिल्टर प्लांट से गीदम समेत 9 गांवों की ओवरहेड टंकियां जोड़ी गई हैं। लाभान्वित होने वाले गांवों में कासोली, छिंदनार, रोंजे, भूतपदर, हारम, हीरानार, घोटपाल, जावंगा भी शामिल हैं। इसके अलावा एजुकेशन सिटी जावंगा को भी साफ पानी की सप्लाई मिल सकेगी। पूरी तरह ड्राई जोन बन चुके नगरीय निकाय गीदम को इस प्रोजेक्ट से सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। गांवों की ओवरहेड टंकियों से नलों के माध्यम से घर-घर पेयजल पहुंचेगा। इस बारे में पीएचई के प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जगदीश कुमार का कहना है कि इनटेक वेल और फिल्टर प्लांट बनकर तैयार है। टेस्टिंग के बाद नियमित आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी।

इंद्रावती से आएगा रॉ-वाटर
मेगा वाटर प्रोजेक्ट के लिए पानी छिंदनार में इंद्रावती से लिया जाएगा। जिसके लिए छिंदनार में इनटेक वेल भी बनकर तैयार हो चुका है। इनटेक वेल से आने वाले रॉ-वाटर को कासोली में फिल्टर प्लांट में शोधित किया जाएगा। इसके बाद शुद्ध पेयजल की सप्लाई गांवों तक होगी।

2013 में हुआ था भूमिपूजन
कुल 24.94 करोड़ की लागत वाले इस मेगा वाटर प्रोजेक्ट का भूमिपूजन वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया था। लेकिन टेंडर फाइनल होने में देरी की वजह से एक साल बाद ही काम शुरू हो सका।

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