प्रदेश समेत जिले के किसानों को कर्जमाफी के लिए प्रक्रिया शुरू हुई है। किसानों ने एक से ज्यादा बैंकों से कर्ज तो नहीं ले रखा। यह जानने के लिए शासन ने किसानों के आधार नंबरों को उनके खातों से लिंक कराने की अनिवार्यता कर दी है, ताकि वे किसी एक ही बैंक से कर्जमाफी का फायदा ले सकें। इस तरह के किसानों के फेर में वे भी किसान परेशान हैं जिन्होंने किसी एक ही बैंक के कर्ज ले रखा है। जिले के करीब 83 हजार किसानों को चिह्नित किया है। इनमें से करीब दस हजार किसान तो ऐसे भी हैं जिनके आधार कार्ड ही नहीं बने हैं, वहीं हजारों किसानों के हाथ की रेखाएं घिसी हुई हैं। उनके सामने समस्या है कि उनके कैसे तो आधार सीड होंगे और कैसे उन्हें कर्जमाफी का लाभ मिल सकेगा। खेतों पर सिंचाई व निराई आदि का काम चल रहा है। ऐसे में किसानों के सामने इतना भी वक्त नहीं है कि वे आधार बनाकर उन्हें खाते के साथ लिंक कराएं।
सभी बैंकों के हालात खराब
जिले के केन्द्रीय सहकारी बैंक के कर्जदार किसानों की संख्या 32 हजार से ज्यादा है। इनमें से केवल 10 हजार किसानों के आधार ही समितियों के पास पहुंचे हैं। यानी करीब 30 फीसद किसानों के आधार ही सीड होने की प्रक्रिया में हैं। 20 हजार से ज्यादा किसानों के आधार सीड नहीं हो सके हैं। यहां के 32 हजार 8०० किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया जाना है। यही हाल पंजाब नेशनल बैंक के कर्जदार किसानों का है। यहां के 35 हजार किसानों के आधार सीड होना है। इनमें से 22 हजार के होना शेष है।
सूचियां भी लग सकेंगी देरी से
यूं तो शासन ने व्यवस्था कर रखी है कि 15 जनवरी से ग्राम पंचायतों में आधार सीडिंग बिना आधार सीडिंग व अन्य किसानों की सूचियां चस्पा की जानी थी, लेकिन आधार सीडिंग में हो रही देरी के चलते यहां सूचियां लगाने का काम भी धीमी रफ्तार से हो सकेगा। सबसे बड़ी समस्या उन किसानों के साथ हो रही है जो आधार सीडिंग के दौरान अंगूठे का निशान नहीं लगा पा रहे हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 85 में से करीब दस हजार किसानों की कर्ज की राशि माफ होने में उन्हे लंबे समय तक इंतजार करना होगा।
जिन किसानों के पास आधार नहीं या फिर उनके फिंगर प्रिंट बामोमेट्रिक मशीन पर नहीं आ रहे उनके लिए जिला स्तर पर समिति बनाई जा रही है ताकि ऐसे मामलों का निराकरण हो सके।
ओपी एंडले, लीड बैंक मैनेजर