ये थी हत्याओं के पीछे की कहानी
पुलिस अधीक्षक के अनुसार आरोपी ने यह तीनों हत्याएं मामूली कहासुनी के बाद की हैं। उन्होने बताया कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह एक दिन शराब के नशे में याकूब के चबूतरे पर बैठा था। इसी दौरान याकूब ने चबूतरे से जाने के लिए बोला। मैं नहीं गया तो याकूब ने मुझे धक्का दिया इससे मैं गिर गया था। इसी रंजिश के चलते वह २२ – २३ अक्टूबर की दरम्यानी रात याकूब के मकान में पीछे से चढ़ कर अंदर गया।उस समय याकूब अपनी पत्नी सलमा के साथ सो रहा था। पहले बल्लू ने दक्खिनी बबूल के मोटे डंडे से याकूब फिर सलमा पर हमला किया। इससे उनकी मौत हो गई। हत्या करने के बाद वह डंडा वहीं छोड़ कर भाग गया। इसी तरह वह एक दिन जब पीरवली मुहल्ले से निकल रहा था तो उसका पैर आंगनवाड़ी सहायिका राजकुमारी सोनी उर्फ लोढ़ा बुआ के पैर से टकरा गया। इस पर लोढ़ा ने उससे चिल्ला कर कहा था कि चप्पल से मारूंगी अंधा है क्या। लोढ़ा का यह कहना बल्लू को नागवार गुजरा। बल्लू घटना दिनांक को लोढ़ा के मकान के बाहर के कमरे में जीने के नीचे बनी भंडरिया में छुप कर बैठ गया। रात करीब चार बजे लोढ़ा नल आने पर पानी भरने के लिए जागी तो बल्लू ने उस पर उंडे से सिर पर प्रहार कर किया। इससे उसकी मौत हो गई। दोनों ही घटनाओं में आरोपी ने लूट की वजह से हत्या बताने की कोशिश की। याकूब और सलमा की हत्या के बाद वह सलमा का मंगलसूत्र ले गया तथा लोढ़ा की हत्या के बाद पर्स ले गया था जिसमें आधार कार्ड तथा तीन सौ रुपए नगद रखे थे।
पुलिस इन तीनों ही मामलों को लेकर लंबे समय से अनुसंधान कर रही थी लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल रही थी। इसी दौरान पुलिस को मुखबिर ने बताया कि इन तीनों हत्याकांड में बल्लू ढीमर का हाथ हो सकता है। पुलिस ने बल्लू को उठाया और उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
पहले भी बबलू कर चुका है हत्या
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह ने बताया कि आरोपी बल्लू ढीमर इससे पहले वर्ष 2009 में नई बस्ती निवासी ब्लैक उर्फ इरफान पुत्र फरमान की सोते समय सिर में डंडा मार कर हत्या कर चुका है। हत्या का यह मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है।