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दतिया

आबादी दो हजार दो गांव में नहीं है मुक्तिधाम

नहर की पट्टी पर हुआ दाह संस्कार
 

दतियाAug 22, 2023 / 12:27 pm

Avinash Khare

आबादी दो हजार दो गांव में नहीं है मुक्तिधाम

आबादी दो हजार दो गांव में नहीं है मुक्तिधाम

आबादी दो हजार दो गांव में नहीं है मुक्तिधाम
इंदरगढ़। ग्राम पंचायत कुलैथ के अंतर्गत आने वाले गांव बरिया और कडूरा के लोग मुक्तिधाम की समस्या से जूझ रहे हैं। मुक्तिधाम न होने से लोगों को दाह संस्कार के लिए खाली स्थान की तलाश में भटकना पड़ता है। मुक्तिधाम न होने के कारण स्थिति यह बनी कि सोमवार को बरिया गांव में वृद्ध का दाह संस्कार होने पर उसका दाह संस्कार नहर किनारे पट्टी पर करना पड़ा। नहर तक जाने के लिए रास्ता न होने के कारण ग्रामीणों को खेतों से होकर निकलना पड़ा। ग्रामीणों की शिकायत है कि पंचायत द्वारा गांव की समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत कुलैथ के अंतर्गत आने वाले गांव बरिया एवं कडूरा की आबादी दो हजार के करीब है। लेकिन पंचायत द्वारा गांव के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गांव में मुक्तिधाम तो दूर ग्रामीणों को दाह संस्कार के लिए खाली स्थान की तलाश में खेतों की मेड़ो से होकर निकलना पड़ता है। सोमवार को ग्राम बरिया में महाराज सिंह जाटव का देहांत हो जाने पर उनके परिजनों को दाह संस्कार के लिए भटकना पड़ा और रास्ता न होने के कारण खेतों से होते हुए नहर की पट्टी पर जाकर दाह संस्कार किया। गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण ग्रामीणों को इसी तरह दाह संस्कार करने के लिए परेशानी उठाना पड़ती है या लोग अपने खेत की मेड पर दाह संस्कार करते है।
दो हजार की है आबादी

ग्राम पंचायत कुलैथ के गांव बरिया व कडूरा की आबादी दो हजार के करीब है। इन दोनो गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण ग्रामीणों को दाह संस्कार के लिए नहर की पट्टी या खेतों की मेड़ का उपयोग करना पड़ता है और नहर तथा खेतों तक पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं है।
पंचायत नहीं दे रही ध्यान

आज ग्राम बरिया में हमारे नाना महाराज सिंह का निधन हो गया। उनके दाह संस्कार के लिए मुक्तिधाम न होने के कारण नहर किनारे दाह संस्कार करना पड़ा और रास्ता न होने के कारण लोगों के खेतों से होकर गुजरना पड़ा। ग्राम पंचायत समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
दीवान सिंह जाटव, ग्रामीण

मेड पर करते हैं दाह संस्कार

ग्राम कडूरा में मुक्तिधाम न होने के कारण लोग दाह संस्कार अपने खेतों की मेड़ पर करते हैं और किसानों के खेतों से होकर निकलना पड़ता है। गांव में मुक्तिधाम का होना जरूरी है। लेकिन पंचायत का इस ओर ध्यान नहीं है।
लोकेन्द्र सिंह राजावत, ग्रामीण

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

ग्राम कडूरा व बरिया में मुक्तिधाम न होने के कारण बरसात के दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। रास्ता भी नहीं है और खेतों में फसल होने के कारण निकलने में परेशानी होती है। अधिकारी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
श्रीकृष्ण सिंह, ग्रामीण

आबादी दो हजार दो गांव में नहीं है मुक्तिधाम
ग्रामीणों से दान पत्र मांगा है

ग्राम कडूरा एवं बरिया में मुक्तिधाम निर्माण के लिए शासकीय जमीन नहीं मिल रही है। इस संबंध में दोनों गांव के लोगों से चर्चा कर मुक्तिधाम निर्माण के लिए जमीन का दान पत्र मांगा है। जमीन मिलते ही मुक्तिधाम निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
कैलाश जाटव, सचिव, ग्राम पंचायत कुलैथ

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