नगर व आसपास क्षेत्र में गेहूं की फसल ही दिखाई दे रही है चना एवं सरसों की पैदावार कम है। अब गर्मी पडऩे के कारण गेहूं की फसल एक साथ पककर तैयार हो गई है, लेकिन अब किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण फसल का कटना है, जिसके लिए न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही हार्वेस्टर मशीन जिससे वह अपनी फसल काट सकें। वह खेत में खड़ी फसल को देखकर चितिंत हैं कि वह घर आ सकेगी या फिर खेत में ही सूख जाएगी।
खुद फसल काटने में लगे हैं किसान कोरोना वायरस के कारण मजदूर व हार्वेस्टर मशीन न मिलने के कारण कुछ छोटे किसान तो अपने परिवार सहित फसल काटने खेतों में उतर आए हैं, लेकिन बड़े किसान क्या करें, जिन्हें हार्वेस्टर मशीन भी नहीं मिल रही है और खेत में अपनी फसल भी नहीं काट सके। ऐसी स्थिति में बड़े किसान ज्यादा चितिंत नजर आ रहे हैं। खेत में फसलें पककर तैयार हैं और शीघ्र ही दस दिनों के अंदर किसानों के लिए फसल काटने की व्यवस्था नहीं हुई तो किसानों की फसलें खेतों में ही खराब हो जाएगी। अभी आसपास क्षेत्र में मजदूरों एवं हार्वेस्टर मशीन का अभाव देखा जा रहा है। जिनकी निगाहें खेतों में तैयार फसलों पर टिकी हुई हैं।
गेहूं की फसल पककर तैयार, काटने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर क्षेत्र में ज्यादातर किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पककर कटने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही हार्वेस्टर मशीन, जिससे किसान भारी चितिंत दिख रहा है। बताया जाता है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते जिलेभर में धारा 144 लागू की गई है। साथ ही लोगों द्वारा अपने घरों पर ही रहकर समय व्यतीत किया जा रहा है। इसी के चलते कटाई करने वाले मजदूरों की कमी होने की वजह से क्षेत्र के जो छोटे किसान हैं वह तो जैसे-तैसे अपने गेहूं की फसल को धीरे-धीरे खेतों में काटकर उसे थ्रेसर से काटने की तैयारी करने लगे हैं, लेकिन जो 40-50 एवं 100 बीघा वाले बड़े किसान हैं उन्हें गेहूं की फसल कटवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि किसानों को डर है कि उनके खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खेतों में ही बर्बाद न हो जाए, क्योंकि इस समय गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई है और खेतों में ही झडऩे लगी है। हालांकि शासन-प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के दौरान गेहूं की फसल की कटाई के लिए आने वाली हार्वेस्टर को प्रतिबंध से मुक्त कर दिया है। इसके बाद भी कटाई के लिए न तो मजदूर मिल पा रहे हैं और न ही हार्वेस्टर इससे बड़े किसान परेशान बने हुए हैं।