बरसात में बढ़ जाता है जल स्तर
पपलाज माता मंदिर से मात्र 40 फीट दूर स्थित यह कुई कई वर्षों पुरानी है। इसमें गर्मी व सर्दी के मौसम में तो डेढ़- दो फीट पानी रहता है, लेकिन बरसात में जल स्तर साढ़े तीन फीट तक आ जाता है। मंदिर के पुजारी नेकीराम मीना ने बताया कि पपलाज माता की महर से इस कुई का पानी कभी नहीं सूखा है। चाहे इस कुई में कितने भी लोग पानी पी लें, लेकिन जल स्तर स्थिर रहता है।
कुई के ऊपरी हिस्से में स्थित कुण्ड में बरसात के दिनों में झरनों का पानी आता है। इस कुण्ड में बरसात के अलावा अन्य मौसम में पानी सूख जाता है, लेकिन कुई में पानी नहीं सूखता है। कुई पर हमेशा एक रस्सी व बाल्टी रखी रहती है। जिस किसी श्रद्धालु को पानी पीना है, वह कुई से निकालकर पी लेता है।
और भी हो गए जल संसाधन
पपलाज माता मंदिर पहाडिय़ों में स्थित त्रिकोणीय घाटी में है। अब तो सरकार ने मंदिर तक डामरीकरण सड़क का निर्माण करा दिया और दर्जनों धर्मशालाएं बन गई। पानी के भी कई संसाधन हो गए, लेकिन एक दशक पहले तक मंदिर पर पीने का पानी मात्र इस छोटी सी कुई से उपलब्ध होता था।
मंदिर पर हर अष्टमी पर हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। श्रावण व भाद्रपद मास में हर दिन पदयात्राएं एवं दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इनके अलावा यहां पर भाद्रपद की अष्टमी व वैशाख माह में भी मेला लगता है।