उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त को विद्यालय में पोषाहार वितरण के दौरान अलका पुत्री राजू बैरवा व चांदनी पुत्री दिनेश बैरवा गर्म दाल के भगोने में गिरने से झुलस गई थी। दोनों बालिकाओं को महुवा राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर अवस्था में अलका को जयपुर रैफर कर दिया था। चांदनी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी थी।
जयपुर एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान शनिवार सुबह अलका ने दम तोड़ दिया। इस मामले में अलका के पिता ने मंडावर थाने में विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही बरतने के मामले में प्रधानाचार्य मोतीलाल मीणा व पोषाहार प्रभारी बृजभूषण गर्ग के खिलाफ मामला दर्ज करा रखा है। थानाधिकारी बृजेश मीणा ने बताया कि मामले में जांच जारी है। वहीं सीबीईओ गोपाल मीना ने बताया कि लापरवाही होने पर पोषाहार प्रभारी बृजभूषण गर्ग को निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रधानाचार्य मोतीलाल मीणा को चार्जशीट जारी की है। इधर, एसडीओ रतनलाल योगी ने बताया कि जिला कलक्टर दौसा को रिपोर्ट भेज रखी है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
छात्रा का शव लेने से किया इनकार
छात्रा अलका बैरवा की मौत होने के बाद परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। महुवा स्थित बैरवा छात्रावास पर समाज के लोगों ने बैठक की। मौके पर पहुंचे उपखंड अधिकारी रतनलाल योगी ने समाज के लोगों को समझाया। लोगों ने सरकार से आर्थिक सहायता व दोषी लोगों को जल्द सजा देने की मांग की। इस पर उपखंड अधिकारी ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए। वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर जागृति संघ के अध्यक्ष हुकमचंद कारोलिया ने आरोप लगाया कि धक्का देने से बच्ची गिरी थी।
विद्यालय प्रशासन की रही लापरवाही
विद्यालय में जब बच्चों को पोषाहार के लिए लाइन में लगाया जा रहा था तो दोनों छात्राएं पोषाहार बनाने वाली जगह पर कैसे पहुंची। यदि वहां पहुंच भी गई तो पोषाहार बनाने वाली महिलाओं के वहां मौजूद होने पर भी उन्होंने छात्राओं को क्यों नहीं हटाया। ऐसे में एक मासूम की जिंदगी छीन जाने पर विद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।