आवारा पशु पहुंचा रहे हैं नुकसान
रबी की फसलों में किसानों के सामने अपनी फसलों को बचाने के लिए सबसे अधिक परेशानी आवारा पशुओं से आ रही है। रात होते ही आवारा पशुओं के झुण्ड खेतों में घुस जाते हैं और फसलों को चट कर जाते हैं। यहां तक की किसानों ने खेतों में कंटीले तार, तारों के जाल व कंटीले ढांकरने लगाने के बाद भी आवारा पशु खेतों में प्रवेश कर जाते और गेहूं, जौ, चने व सरसों की फसलों को तबाह कर जाते हैं।
रबी की फसलों में किसानों के सामने अपनी फसलों को बचाने के लिए सबसे अधिक परेशानी आवारा पशुओं से आ रही है। रात होते ही आवारा पशुओं के झुण्ड खेतों में घुस जाते हैं और फसलों को चट कर जाते हैं। यहां तक की किसानों ने खेतों में कंटीले तार, तारों के जाल व कंटीले ढांकरने लगाने के बाद भी आवारा पशु खेतों में प्रवेश कर जाते और गेहूं, जौ, चने व सरसों की फसलों को तबाह कर जाते हैं।
गौशाला खुले तो हो समस्या का समाधान खेतों में इन दिनों आवारा पशुओं से नुकसान से बचाने के लिए आवारा पशुओं को कहीं संरक्षण मिले तो परेशानी से निजात मिल सकती है। सरकारी कागजों में तो कहने को जिले में दर्जनों गौशालाएं खुली हुई हैं, लेकिन हकीकत यह है कि जिले में ये गौशालाएं कागजों में ही खुली हुई है इन गौशालाओं में हर माह का लाखों रुपए का बजट भी उठ रहा है, लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। अधिकांश गौशालाओं में जब पशुपालन विभाग के अधिकारी आते हैं तभी ही पशुओं को भरा जाता है, अन्यथा गौशालाएं खाली रहती है।