दौसा में भाजपा से गत बार जीते हरीश मीना के पार्टी छोड़ कांग्रेस में जाने तथा डॉ. किरोड़ी के भाजपा में आने के बाद क्षेत्रीय राजनीति में समीकरण बदल गए हैं। अब पार्टी को मजबूत चेहरे की तलाश है। माना जा रहा है कि भाजपा की पहली सूची में दौसा का टिकट जारी नहीं करने के पीछे प्रमुख कारण यहां पार्टी के बदलते समीकरण हैं।
गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना का क्षेत्र की राजनीति में लंबे समय से दबदबा रहा है, हालांकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी गोलमा देवी व भतीजा राजेन्द्र मीना भाजपा के टिकट पर चुनाव नहीं जीत पाए थे। वहीं पूरे क्षेत्र में भाजपा को उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाई थी। सूत्रों के अनुसार डॉ. किरोड़ी अपने चहेते कार्यकर्ता या परिवार में से किसी को टिकट के लिए आगे कर सकते हैं।
वहीं भाजपा में ही पूर्व मंत्री जसकौर मीना, रामकिशोर मीना, बृजमोहन मीना, डॉ. धर्मसिंह मीना, जितेन्द्र मीना आदि भी दावेदारी की दौड़ में है। हाल ही भाजपा से बागी व निर्दलयी चुनाव जीते महुवा विधायक ओमप्रकाश हुड़ला व उनकी पत्नी प्रेमप्रकाश का नाम भी टिकट के लिए दौड़ में है। भाजपा का एक खेमा उनके नाम को आगे किए हुए है।
इधर, कांग्रेस में दौसा विधायक मुरारीलाल मीना या उनकी पत्नी सविता मीना का नाम टिकट की दौड़ में है। वहीं उद्योग मंत्री परसादी लाल के पुत्र कमल मीना, पूर्व विधायक महेन्द्र मीना आदि भी दौड़ में हैं।
कांग्रेस के पांच विधायक
लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास पांच विधायक हैं। तीन विधायक निर्दलीय हैं। वहीं भाजपा के पास कोई विधायक नहीं है। ऐसे में कांग्रेस खेमा एक दशक से जीत का इंतजार पूरा करने में लगा हुआ है। दौसा, लालसोट, बांदीकुई, सिकराय व चाकसू में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। वहीं महुवा, बस्सी व थानागाजी में निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा के पास विधायक की एक भी सीट वर्तमान में नहीं है। गत लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली भाजपा के सामने इस बार कड़ी चुनौती रहेगी।
गोलमा ने मांगा टिकट
दौसा. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल की पत्नी व पूर्व मंत्री गोलमा देवी ने भाजपा प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर व पार्टी अध्यक्ष के नाम पत्र देकर दौसा लोकसभा क्षेत्र से टिकट देने की मांग की है। उनको नहीं तो देवर जगमोहन मीणा को टिकट देने का आग्रह भी किया। गोलमा ने पत्र में विधानसभा चुनाव हारने के पीछे बताया कि उन्हें ऐसी जगह से टिकट दिया गया, जहां वे कभी गई नहीं थी। उनकी हार से अब जनता में सहानुभूति की लहर है। ऐसे में महिला सशक्तिकरण के लिए सांसद का टिकट दिया जाए। पत्र में उन्होंने बागी-दागी नेताओं के टिकट मांगने पर भी निशाना साधा।