हर माह 2 से 3 लाख रुपए का नुकसान
पत्थर उद्योग व्यापारी हरिमोहन सैनी व रामेश्वर ठेकेदार ने बताया कि ओमिकॉन के नए वैरिएंट का खतरा बढऩे लगा है। कोरोना के राजस्थान में सैकड़ों केस रोजाना आ रहे हैं। जिसका असर उद्योग जगत पर भी पडऩे लगा है। लोगों की डिमांड कम होने की वजह से 30 से 40 फीसदी पत्थर उद्योग की सेल कम हो गई है। हर माह उनका 2 से 3 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आने वाले समय में पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा।
पत्थर उद्योग व्यापारी हरिमोहन सैनी व रामेश्वर ठेकेदार ने बताया कि ओमिकॉन के नए वैरिएंट का खतरा बढऩे लगा है। कोरोना के राजस्थान में सैकड़ों केस रोजाना आ रहे हैं। जिसका असर उद्योग जगत पर भी पडऩे लगा है। लोगों की डिमांड कम होने की वजह से 30 से 40 फीसदी पत्थर उद्योग की सेल कम हो गई है। हर माह उनका 2 से 3 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आने वाले समय में पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा।
लोकल कस्टमर 25 फीसदी भी नहीं रहे
सेंड स्टोन दोस्त विकास समिति के अध्यक्ष फतेहसिंह सैनी ने बताया कि लोकल कस्टमर 25 फीसदी भी नहीं रहे। कोविड की पाबंदियों को लेकर 50 फीसदी स्टाफ वर्क फ्रॉम होम हैं, जितना कच्चा माल चाहिए, उतना मिल नहीं रहा है। इसका खमियाजा उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया एक से डेढ़ लाख रुपए का हर साल नुकसान हो रहा है। साल 2020 व 2021 में कोरोना का काफी असर रहा। वर्ष 2021 में कारोबार ठीकठाक रहा। इस बार कारोबारी अच्छे कारोबार की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनके द्वारा इसे लेकर काफी तैयारियों की गई हैं, लेकिन एक गत दो वर्षों की भांति एक बार फिर कोरोना सिर पर मंडराने लगा है। इसे देखकर व्यापारियों को फिर से एक बार कारोबार प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है।
सेंड स्टोन दोस्त विकास समिति के अध्यक्ष फतेहसिंह सैनी ने बताया कि लोकल कस्टमर 25 फीसदी भी नहीं रहे। कोविड की पाबंदियों को लेकर 50 फीसदी स्टाफ वर्क फ्रॉम होम हैं, जितना कच्चा माल चाहिए, उतना मिल नहीं रहा है। इसका खमियाजा उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया एक से डेढ़ लाख रुपए का हर साल नुकसान हो रहा है। साल 2020 व 2021 में कोरोना का काफी असर रहा। वर्ष 2021 में कारोबार ठीकठाक रहा। इस बार कारोबारी अच्छे कारोबार की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनके द्वारा इसे लेकर काफी तैयारियों की गई हैं, लेकिन एक गत दो वर्षों की भांति एक बार फिर कोरोना सिर पर मंडराने लगा है। इसे देखकर व्यापारियों को फिर से एक बार कारोबार प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है।