जानकारी के अनुसार अलवर-सिकंदरा सड़क मार्ग पर करीब 60 से अधिक बसें संचालित हैं। इनमें से मात्र 20 फ ीसदी बसें ही सिकं दरा रोड बस स्टैण्ड से होक र गुजरती है। जबकि शेष बसें सीधे बायपास होकर बसवा रोड कोर्ट तिराहे से होकर गुजर जाती हैं। जबकि सिकंदरा रोड बस स्टैण्ड रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के सामने स्थित है। ऐसे में यात्रीभार भी बहुत अधिक है, लेकिन इसके बाद भी बसों का बस स्टैण्ड नहीं आना अलवर आगार की डिपो की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। खास बात यह है कि इस बस स्टैण्ड पर करीब साढ़े तीन साल से टिकट बाबू तक नहीं है।
घटता जा रहा है यात्री भार
बस चालक शहर में लगने वाले जाम से बचने क े लिए ही बसों को बायपास होकर ले जाते हैं। ऐसे में यदि कि सी व्यक्ति क ो रेलवे स्टेशन आना है तो उसे करीब दो कि लोमीटर दूरी पैदल तय क रनी पड़ती है। ऐसे में मजबूरन यात्रियों को जान जोखिम में डालकर निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है। ज्यादा परेशानी मेहंदीपुर बालाजी आवाजाही करने वाले यात्रियों को होती है।
बस चालक शहर में लगने वाले जाम से बचने क े लिए ही बसों को बायपास होकर ले जाते हैं। ऐसे में यदि कि सी व्यक्ति क ो रेलवे स्टेशन आना है तो उसे करीब दो कि लोमीटर दूरी पैदल तय क रनी पड़ती है। ऐसे में मजबूरन यात्रियों को जान जोखिम में डालकर निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है। ज्यादा परेशानी मेहंदीपुर बालाजी आवाजाही करने वाले यात्रियों को होती है।
इसके अलावा जयपुर, दिल्ली, अलवर, दौसा, भरतपुर, आगरा एवं गंगापुर जाने वाले यात्रियों को भी बस पकडऩे के लिए बायपास पहुंचना पड़ता है। इससे निगम प्रशासन प्रतिदिन हजारों रु पए क ी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
हो रहा राजस्व नुकसान
शहर के सिकन्दरा रोड पर बसों का ठहराव नहीं होने व बायपास से गुजर से सिकन्दरा गांव की सवारियां बसों में नहीं बैठाते है। वो निजी बस व जीपों में बैठकर यात्रा करते हैं। इससे राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। यात्रियों का कहना है कि सिकन्दरा रोड से बसवा रोड पर
बस नहीं जाएगी तो बसवा रोड से अलवर को जाने वाले यात्री को मजबूरन निजी वाहनों से यात्रा करनी पड़ती हैैैै। सिकन्दरा से अलवर, दौसा से अलवर, बालाजी से अलवर एवं गंगापुर से अलवर की करीब 35 गाडियों प्रतिदिन गुजरती है। सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन 30 से 35 हजार की आय होती थी। जो कि अब घटकर 10 से 12 हजार रह गर्ई।
शहर के सिकन्दरा रोड पर बसों का ठहराव नहीं होने व बायपास से गुजर से सिकन्दरा गांव की सवारियां बसों में नहीं बैठाते है। वो निजी बस व जीपों में बैठकर यात्रा करते हैं। इससे राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। यात्रियों का कहना है कि सिकन्दरा रोड से बसवा रोड पर
बस नहीं जाएगी तो बसवा रोड से अलवर को जाने वाले यात्री को मजबूरन निजी वाहनों से यात्रा करनी पड़ती हैैैै। सिकन्दरा से अलवर, दौसा से अलवर, बालाजी से अलवर एवं गंगापुर से अलवर की करीब 35 गाडियों प्रतिदिन गुजरती है। सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन 30 से 35 हजार की आय होती थी। जो कि अब घटकर 10 से 12 हजार रह गर्ई।
जान जोखिम में डालने की मजबूरी
नगरपालिका चेयरमैन लक्ष्मी जायसवाल का कहना है कि बस स्टैण्ड पर पालिका की ओर से सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण करा दिया है। अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएगी। अलवर आगार डिपो प्रशासन को कई बार बसों को शहर के सिकंदरा रोड बस स्टैण्ड होकर गुजारने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कानों पर जूं तक नहंी रेंग रही है।
नगरपालिका चेयरमैन लक्ष्मी जायसवाल का कहना है कि बस स्टैण्ड पर पालिका की ओर से सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण करा दिया है। अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएगी। अलवर आगार डिपो प्रशासन को कई बार बसों को शहर के सिकंदरा रोड बस स्टैण्ड होकर गुजारने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कानों पर जूं तक नहंी रेंग रही है।
जबकि यह बस स्टैण्ड रेलवे स्टेशन के सामने स्थित होने के कारण राजस्व आय भी अच्छी है प्रतिदिन इस बस स्टैण्ड से डेड से दो हजार यात्री मेहन्दीपुर बालाजी आवाजाही करते है। मजबूर यात्रियों को जान जोखिम में डालकर निजी वाहनों से यात्रा करनी पड़ रही है। ऐसे में शीघ्र प्रतिनिधि मण्डल रोडवेज के प्रबंध निदेशक से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएगा। (निज संवाददाता)
जाम से बचने के लिए ले जाते हैं बायपास
बस चालक आगरा फाटक पर लगने वाले जाम से बचने के लिए कोर्ट तिराहे से सीधे बायपास होकर ले जाते हैं। क्योंकि इन बसों को जाम से निकलने में करीब आधा घण्टे से अधिक समय लग जाता है, लेकिन आगरा फाटक जाम की समस्या का हल अभी तक नहीं निकला है। बसों के बायपास होकर गुजरने से निजी वाहन चालकों की पौ बारह हो रही है।
बस चालक आगरा फाटक पर लगने वाले जाम से बचने के लिए कोर्ट तिराहे से सीधे बायपास होकर ले जाते हैं। क्योंकि इन बसों को जाम से निकलने में करीब आधा घण्टे से अधिक समय लग जाता है, लेकिन आगरा फाटक जाम की समस्या का हल अभी तक नहीं निकला है। बसों के बायपास होकर गुजरने से निजी वाहन चालकों की पौ बारह हो रही है।
चालक-परिचालकों को किया है पाबंद
हमने सभी बसों के चालक-परिचालकों को अंदर होकर बसों को ले जाने के लिए पाबंद किया हुआ है। इस मामले की मॉनिटरिंग भी पूरी की जा रही है। यदि इसके बाद भी जांच में कोई बस चालक बायपास होकर ले जाना पाया जाता है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मनोहरलाल शर्मा, प्रबंधक अलवर आगार डिपो
हमने सभी बसों के चालक-परिचालकों को अंदर होकर बसों को ले जाने के लिए पाबंद किया हुआ है। इस मामले की मॉनिटरिंग भी पूरी की जा रही है। यदि इसके बाद भी जांच में कोई बस चालक बायपास होकर ले जाना पाया जाता है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मनोहरलाल शर्मा, प्रबंधक अलवर आगार डिपो