गत 5 मार्च को जिला अस्पताल में कोरोना को लेकर पहले संदिग्ध का नमूना लिया गया था। अब तक कुल 65 नमूने लिए गए हैं। कुल आठ लैब टेक्नीशियन यहां ड्यूटी दे रहे हैं। इनमें प्रभारी कोरोना लैब हिमांशु बापीवाल, कृष्ण कुमार भाटिया, ब्रह्मदत्त शर्मा, कुलदीप शर्मा, राजेश कुमार शर्मा, वीरेंद्र सिंह गौड़, कमलेश कुमार जांगिड़, सुमेरसिंह फागणा व विवेकसिंह जादौन शामिल हैं। तीन शिफ्ट में ड्यूटी दे रहे हैं। प्रभारी बापीवाल 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं।
अलग हो रहने की व्यवस्था
प्रदेश के कई जिलों में लैब टेक्नीशियन सहित कोरोना वार्ड के मरीजों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था की गई है, लेकिन फिलहाल दौसा में ऐसा नहीं है। कर्मचारी घर जाते हैं तो उन्हें अपने परिजनों के संक्रमित होने की चिंता रहती है। इसके अलावा वार्ड में साफ-सफाई का भी अभाव रहता है।
नाराजगी भी झेलनी पड़ती है
कोरोना संदिग्ध मरीज 14 दिन तक रहते हैं। ऐसे में कई बार सुविधाओं का अभाव होने पर उनकी नाराजगी भी स्टाफ को झेलनी पड़ती है। अलग शौचालयों की कमी पर मरीज आए दिन हंगामा कर रहे हैं।
दौसा. जिले में कोरोना वायरस के चिकित्सा प्रशाशन ने 31 मार्च तक 87 सेम्पल जांच के लिए भेजे थे। जिनकी सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बुधवार को जिले में कोरोना का एक भी संदिग्ध मरीज नहीं मिला है।
इधर दिल्ली जमात में आए सभी मरीजो की बुधवार को जिला अस्पताल में जांच की गई। हालांकि वे पहले से ही नागौरी पुलिया स्थित एक होटल में होम आइसोसन में थे। इनमे 5 महिला व 5 पुरुष हैं।