scriptबंद रहे डेयरी बूथ, दूध के लिए भटकते रहे लोग | Dairy booths remain closed, people wandering for milk | Patrika News
दौसा

बंद रहे डेयरी बूथ, दूध के लिए भटकते रहे लोग

Dairy booths remain closed, people wandering for milk: दुग्ध संकलन केन्द्रों पर भी पशुपालकों का नहीं लिया जा रहा है दूध, कोरोना से खड़ा हुआ संकट

दौसाApr 01, 2020 / 07:15 pm

gaurav khandelwal

बंद रहे डेयरी बूथ, दूध के लिए भटकते रहे लोग

बंद रहे डेयरी बूथ, दूध के लिए भटकते रहे लोग

दौसा. कोरोना वायरस के खतरे से उबरने के लिए लागू लॉकडाउन में बुधवार को शहर के डेयरी बूथों को बंद कराने से शहरवासियों के सामने दूध को लेकर संकट खड़ा हो गया। इधर, ग्रामीण इलाकों में संचालित दुग्ध उत्पादक संकलन केन्द्रों पर दूध नहीं लेने से पशुपालकों के सामने आर्थिक तंगी हो गई है।
Dairy booths remain closed, people wandering for milk


जानकारी के अनुसार नगरपरिषद की ओर से गत दिवस शहर में संचालित डेयरी बूथ केन्द्रों को बंद करके आदेश से शहर में दूध के पाउचों की सप्लाई नहीं हो पाई है। इससे लोगों को बुधवार सुबह दूध नहीं मिल पाया। इससे कई लोगों के घरों में चाय ही नहीं बन पाई और बालकों को पीने के लिए दूध नहीं मिल पाया। एक ही दिन में दूध के लिए लोगों में हाहाकार मच गया।

जानकारी के अनुसार जिला ुमुख्यालय पर सरस डेयरी के 175 डेयरी बूथ एवं शॉप एजेंसियां संचालित है। इनमें से 100 शॉप एजेंसियां व 75 डेयरी बूथ हैं। इनमें लॉकडाउन से पहले करीब 28 हजार लीटर दूध आ रहा था। 22 मार्च के बाद करीब 20 हजार लीटर दूध आ रहा था। गत दिवस बूथ बंद करने के आदेश के बाद बुधवार को शहर में डेयरी बूथ नहीं खुले। जब लोग सुबह डेयरी बूथों पर दूध लेने पहुंचे तो उनको डेयरी बूथ बंद मिले।

पशुपालकों के सामने संकट


वर्तमान में जिले में करीब 450 दुग्ध उत्पादक समितियां एवं 38 बल्क मिल्क सेन्टर (बीएमसी) हैं। इन पर करीब प्रतिदिन करीब 50 हजार से अधिक पशुपालक व किसान दूध बेचने आते हैं। जब से लॉकडाउन हुआ है, तभी से बीएमसी के अलावा सभी साढ़े 4 सौ दुग्ध उत्पादक समितियां बंद पड़ी है। इन बीएमसी पर करीब छह -सात हजार लीटर दूध ही एकत्रित हो रहा है। जबकि जिले के इन दुग्ध संकलन केन्द्रों से प्रतिदिन डेढ लाख से पौने दो लाख लीटर दूध जयपुर सरस डेयरी में जाता था। लॉकडाउन के बाद पशुपालकों का दूध नहीं बिकने से उनकी स्थिति खराब है। बीएमसी भी पांच दिन में ही एक बार खुल रही है। ऐसे में वहां आने वाला भी पूरा दूध जयपुर डेयरी संयंत्र तक नहीं पहुंच पा रहा है।
घर खर्च चलना मुश्किल
जिले में कुओं व बोरवेलों में पानी की कमी होने से किसानों के खेतों में फसल नहीं होने से कई किसानों ने पशु रखना शुरू कर दिया। दुधारू पशुओं का दूध बेचकर वे अपने परिवार का पेट पालन करते हंै। वहीं दूध बेच कर आने वाली आमद से ही वे पशुओं का आहार व चारे का खर्च भी चलाते हंै। अब दूध नहीं बिकने से उनके सामने गहरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

जिला कलक्टर से बात की है
इस सम्बन्ध में जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी से बात की है। उन्होंने समाधान का आश्वासन दिया है। बुधवार को कई बूथ संचालकों ने बूथ खोले थे, लेकिन बंद करा दिए।
– राजीव जैन, प्रबंधक जयपुर डेयरी शाखा दौसा
Dairy booths remain closed, people wandering for milk

Home / Dausa / बंद रहे डेयरी बूथ, दूध के लिए भटकते रहे लोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो