जिले में बजट के अभाव में सड़क एवं भवनों के 169 निर्माण कार्यअधूरे पड़े हैं। जबकि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में मात्र दौसा कुण्डल मार्ग पर ही मात्र पांच करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग की करीब 20 करोड़ रुपए की तो देनदारियां ही अभी तक बाकी है। अधूरे पड़े सड़क मार्गों पर लोगों का आवागमन बाधित हो रहा हैं। कई सड़क मार्गतो जीर्णशीर्ण हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए कृषि कनेक्शनों के लिए अब दो फीडरों में दिन के समय बिजली सप्लाई करने की घोषणा की है। इससे सर्दी के मौसम में किसानों को रात के समय खेतों में कड़कड़ाती सर्दी में पानी नहीं भराना पड़ेगा। वहीं लम्बित कृषि एवं बूंद-बूंद योजना के बिजली कनेक्शन करने कीभी घोषणा की है। यदि इन दोनों मुद्दों पर शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा तो किसानों को काफी राहत मिलेगी।
दौसा जिले में सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी के बिना लगातार पिछड़ता जा रहा है। पानी के बिना लोग शहर छोड़ कर या तो दूसरे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और या फिर वापस गांवों की ओर लोग घूम रहे हैं। हालांकि उन्होंने अपने बजट भाषण में ईस्ट कैनाल परियोजना पर फोकस किया, लेकिन दौसा में वर्तमान की स्थिति में पानी की बहुत अधिक जरूरत है। ईसरदा बांध बनाने की घोषणा है, लेकिन अभी उसका निर्माण कार्य ही शुरू नहीं हुआ है।