पुलिस ने बताया कि 24 जुलाई को दिव्यांग पीडि़ता बिहार के गया जिले से अपने पिता के साथ मेहंदीपुर बालाजी कस्बा स्थित कटक वाली धर्मशाला में आई थी। मेहंदीपुर बालाजी में उसके पिता की एक अज्ञात शख्स(आरोपी) से मुलाकात हुई और वह उसकी मदद करने लग गया और विश्वास जीत लिया।
इसके बाद वह दिव्यांग नाबालिग को उठाने-बिठाने व लाने-ले जाने में मदद करने लगा। लेकिन 28 जुलाई की रात को बालिका के साथ बलात्कार हो गया। इससे दिव्यांग नाबालिग बालिका की तबीयत बिगड़ गई। तबीयत बिगडऩे के बाद उसे महुवा चिकित्सालय ले जाया गया। जहां से उसे दौसा रैफर कर दिया। दौसा से भी उसको जयपुर के एसएमएस के लिए रैफर दिया। एसएमएस के चिकित्सकों ने दिव्यांग बालिका को बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन 1 अगस्त की रात को उसने दम तोड़ दिया।
उसकी तबीयत बिगडऩे के बाद पुलिस भी उसके बयान नहीं ले सकी। अब पुलिस के पास जांच के लिए मेडिकल व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावा नाबालिग दिव्यांग के पिता, आरोपित युवक का चेहरा बचा है। जिसकी अभी पुख्ता तौर पर पहचान नहीं हो पाई है। इस मामले में दौसा पुलिस अधीक्षक ने मीडिया के सामने आरोपित के ऊपर 5 हजार रुपए का इनाम रखने की बात कही है।