14 अक्टूबर 2016 को सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) में तैनात खवारावजी निवासी घनश्याम जम्मू कश्मीर के जकूरा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया था। अपने एक बेटे को देश के लिए न्यौछावर करने के बाद भी शहीद के पिता रामकिशन गुर्जर के मन में देश प्रेम बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा घनश्याम देश के लिए शहीद हो गया है। दूसरा बेटा भगवान सहाय गुर्जर सीआरपीएफ में तैनात है। वहीं अब उसके तीसरे बेटे रामेश्वर गुर्जर का भी सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी)में चयन हो गया है। उन्होंने बताया कि उनको गर्व है कि उनके बेटे देश की सेवा करने में तैनात है।
शहीद के पिता एवं अन्य ग्रामीणों ने कहा कि पाकिस्तान एवं आतंकी एक के बाद एक कायरना हरकत कर अपने देश को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन हमारे देश के नेता पता नहीं क्यों सेना के माध्यम से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव नहीं देते हैं। पाकिस्तान को जब तक अच्छी तरह सबक नहीं सिखाया जाएगा तब तक वह बाज नहीं आएगा।
शहीद घनश्याम के परिजनों ने बताया कि हमारे देश के शहीद सैनिकों के परिजनों की सरकार को पूरी मांग माननी चाहिए। रामकिशन गुर्जर ने बताया कि उनके बेटे के नाम से उन्होंने दौसा जिला मुख्यालय के सोमनाथ चौराहे का नामकरण शहीद घनश्याम गुर्जर के नाम से होना चाहिए।
शहदी के परिजनों ने बताया कि शहीद घनश्याम के शहीद स्थल के विकास के लिए सिकराय की तत्कालीन विधायक गीता वर्मा ने 5 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, वह राशि आज तक नहीं मिली। शहीद स्थल पर निर्माणाधीन छतरी व तीन तरफ की दीवार भी शहीद के परिजनों ने ही बनाई है। ग्राम पंचायत ने भी एक रुपए का भी सहयोग नहीं किया है।