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दौसा संसदीय क्षेत्र: 62 साल में पहली बार महिला शक्ति होगी आमने-सामने

ग्राउण्ड रिपोर्ट: विकास के नाम पर वोट, लेकिन मुद्दों का नहीं हो सका समाधान
प्रत्याशीभाजपा – जसकौर मीना
कांग्रेस – सविता मीना

दौसाApr 20, 2019 / 11:41 pm

abdul bari

दौसा संसदीय क्षेत्र

दौसा संसदीय क्षेत्र: 62 साल में पहली बार महिला शक्ति होगी आमने-सामने

महेश कुमार जैन/दौसा।
एसटी आरक्षित दौसा संसदीय सीट ( Dausa Lok Sabha constituency) पर इस बार मुकाबला हटकर व रोचक होगा। सबसे खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के इतिहास में यहां पहली बार महिला शक्ति आमने-सामने होगी। मुकाबला भी ना त्रिकोणीय ना चतुष्कोणीय, बस सीधी टक्कर…। महिला सांसद के रूप में इससे पहले यहां कांग्रेस की रमा पायलट चुनाव जीती थीं। यह दूसरी बार मौका है कि कोई महिला प्रत्याशी संसद तक पहुंचेगी और दौसा आवाम की आवाज बनेगी। यहां मुख्य टक्कर भाजपा प्रत्याशी जसकौर मीना व कांग्रेस प्रत्याशी सविता मीना ( BJP Jaskaur Meena VS Congress Savita Meena ) के बीच होगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक नया चेहरा उतारा है तो भाजपा ने अनुभवी व वरिष्ठ को मौका दिया है। दोनों ही प्रत्याशी दौसा से जुड़े हैं। दोनों ही प्रत्याशी दौसा संसदीय क्षेत्र के विकास के नाम पर जनता के बीच जा रहे हैं। समस्याओं के समाधान और विकास के नाम वोट मांग रहे हैं। लेकिन यदि धरातल की बात की जाए तो यहां के मुद्दों का स्थाई समाधान अभी तक नहीं हो सका है। चुनाव के समय हर बार बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद मांगों पर कोई स्पष्ट नीति बनाकर कार्य नहीं होता।
दौसा विधानसभा क्षेत्र के भाण्डारेज निवासी फूलसिंह यादव ने बताया कि लोगों में टीस है कि हर बार की भांति इस बार भी प्रत्याशी विकास के नाम पर वोट मांगने आ रहे हैं, लेकिन यहां के लोगों को पीने का पर्याप्त पानी भी नसीब नहीं हुआ है। हर जुबां पर यह समस्या है। हमें कुछ नहीं चाहिए, पानी, सड़क, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं तो मिलनी चाहिए। इधर, सिकराय विधानसभा क्षेत्र के सिकंदरा निवासी राजोदेवी सैनी ने बताया कि यहां सिलिकोसिस से आए दिन मौत होती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जाते। रोजगार को लेकर स्टोन बाजार विकसित करने का मुद्दा आज भी हवा-हवाई है। लालसोट विधानसभा के राहुवास निवासी गंगाधर मीणा ने कहा कि दौसा गंगापुर रेललाइन कब जुड़ेगी, यह पता नहीं, पर यह वादा हर बार किया जाता है। गांवों से लेकर जिला मुख्यालय तक सभी जगह हाल खराब है। इसके अलावा दौसा-गंगापुर रेललाइन परियोजना का कछुआ चाल से हो रहे काम को लेकर भी लोगों ने नाराजगी जाहिर की। दौसा, बांदीकुई, बसवा, बस्सी आदि रेलवे स्टेशनों पर कई ट्रेनों का ठहराव नहीं होने का बड़ा मुद्दा है। लोगों की पीड़ा जाहिर हुई कि प्रत्याशी दोनों ही मुद्दों के निराकरण के वादों के साथ सत्ता तक पहुंचे, लेकिन इन मुद्दों के निराकरण को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई। वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, सिलिकोसिस, सड़क, बिजली जैसी समस्याएं यथावत बनी हुई हैं।
अब तक कांग्रेस 11 बार, भाजपा 2 बार

दौसा संसदीय सीट पर 11 बार कांग्रेस काबिज रही है। मात्र 2 बार भाजपा को सफलता मिल सकी है। 4 बार दूसरे दलों या निर्दलीयों के खाते में यह सीट गई है। दौसा सीट के 62 साल के संसदीय इतिहास में मात्र 16 साल कांग्रेस के पास यह सीट नहीं रही।
इस बार मामला बदला
गत चुनाव में भाजपा से जीते हरीश मीना अब कांग्रेस में हैं तथा देवली-उनियारा से विधायक बन चुके हैं। वहीं किरोड़ी भाजपा में लौटकर राज्यसभा सांसद बन चुके हैं। 2009 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे लक्ष्मण मीना वर्तमान में बस्सी से निर्दलीय विधायक बन चुके हैं। इस बार दोनों पार्टियों से महिला प्रत्याशी आमने सामने हैं।
गत चुनावों से बढ़ गए 3.22 लाख मतदाता

दौसा लोकसभा क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्र में पांच वर्ष पहले 13 लाख 97 हजार 440 मतदाता थे, जो अब बढ़कर 17 लाख 20 हजार 12 हो गए हैं। यानि दौसा लोकसभा सीट पर गत लोकसभा चुनाव से अबकी बार करीब 3 लाख 22 हजार 586 अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
आठों विधानसभाओं की मतदाताओं पर फैक्ट फाइल
विधानसभा क्षेत्र 2014 2019

दौसा 143612 221696
लालसोट 181683 230993

सिकराय 210709 240941
महुवा 174951 202100

बांदीकुई 155466 206117
थानागाजी 176109 199121

चाकसू 168259 207661
बस्सी 186651 211397
कुल 1397440 1720026

गत चुनाव में 57.81 फीसदी महिलाओं ने किया था मतदान
जिले की सभी आठों विधानसभाओं में 7 लाख 8 हजार 893 महिलाएं थी। इनमें से 4 लाख 9 हजार 825 महिलाओं ने मतदान किया था। यानि कुल मतों का 57.81 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था।
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

1. दो दशक से लंबित दौसा-गंगापुर सिटी रेल परियोजना का काम शीघ्र पूरा किया जाए।
2. दौसा-डिडवाना के बीच रेल संचालन शुरू करते हुए राजधानी जयपुर तक प्रतिदिन लोकल ट्रेन का संचालन हो।

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