एक-दो दिन बाद उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे उपचार के लिए गंगापुर सिटी व जयपुर भी ले गए, लेकिन 16 अक्टूबर को केलादेवी ने दम तोड़ दिया। इस घटना के चार दिन बाद बुधवार को कैलाश मीना को खेत पर बाजारे की फसल को समेटने का काम करने के दौरान उसी सर्प ने डस लिया। हालत बिगडऩे पर दोनो को परिजन देवी देवताओं के यहां ले गए। बुधवार रात्रि हालत बिगडऩे पर परिजन उसको लालसोट चिकित्सालय ले आए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीरज शर्मा ने बताया कि सर्पदंश के बाद पीडि़त को अंध विश्वास के भरोसे छोडऩे के बजाए तत्काल उपचार लिए सरकारी हॉस्पिटल पर पहुंचाना चाहिए। लालसोट उप जिला चिकित्सालय समेत मंडावरी, डिडवाना, रामगढ पचवारा सीएचसी पर स्नेक वेनोम ऐंटी सेरुम इंजेक्शन उपलब्ध है। सर्पदंश के एक घंटे के दौरान उपचार मिलने पर पीडि़त की जान बच जाती है।