खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में चेजा पत्थरों की 106 खानों के पट्टे जारी कर रखे हैं। इनमें से 73 खानें चालू है और 33 किसी ना किसी कारणवश बंद पड़ी हुई है। इनकी आड़े अवैध खनन करने वाले बेधड़क ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पत्थर भरकर सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं।
जिले में खनिज विभाग की ओर से लीजधारी खानों से तो सरकार को राजस्व आय भी होती है, लेकिन अवैध खनन में तो सरकार को एक पैसे की आय नहीं होती है। अवैध खनन से पर्यावरण को भारी खतरा होता है। वन विभाग द्वारा पौधों का प्लांटेशन किया जाता है, लेकिन अवैध खनन करने वाले प्लांटेशन को तहस-नहस कर देते हैं।
जिले में बजरी का जमकर अवैध खनन होता है, लेकिन बजरी की एक भी खान स्वीकृत नहीं है। जबकि दौसा से महुवा तक बाणगंगा नदी में करीब 50 किलोमीटर के दायरे में बजरी का जमकर खनन हो रहा है। इसी प्रकार जिले में सांवा नदी भी बड़ी नदी है। इसमें भी कई गांवों में जमकर अवैध खनन हो रहा है।
ब्लॉक स्वीकृत खानें
दौसा 18
सिकराय 55
महुवा 8
लालसोट 15
बसवा 10
जिला 106
यह है स्थिति
चालू खान 73
बंद खान 33
कुल खान 106 हर सप्ताह होती है जांच
जिले में हर ब्लॉक में फोरमैन नियुक्त कर रखे हैं। हर फोरमैन प्रति सप्ताह हर खान का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजता है। नियमों की अवहेलना करने वाली खान के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। वन विभाग में जो भी अवैध खाने संचालित हैं, उनकी कार्रवाई वन विभाग करता है।
– पिंकराव सिंह, सहायक अभियंता खनिज विभाग दौसा