जलसंसाधन विभाग के सहायक अभियंता श्रीकिशन मीना ने बताया कि सैंथल सागर में 5.6 फीट, सिनोली में 5.9, झिलमिली में 6.2, चांदराना में 3.6 फीट, कालाखोह में 5.6 फीट, सिंथोली में 4.4 फीट, जगरामपुरा में 2 फीट, ढिवांचली में 2 फीट, कोट में 4.6 फीट, रामपुरा में 2 फीट, हरिपुरा में 1 फीट, महेश्वरा बांध में 2 फीट, भांकरी में 5.7 फीट, नामोलाव में 3 फीट, पापड़दा में 5 फीट, बडिय़ाल में 3.6 फीट, उपरेड़ा में 2.7 फीट, गुढ़ामुही में 1.6 फीट, हुड़ला में 1.2 फीट व धपावन में 3.6 फीट पानी की आवक हो गई है।
उल्लेखनीय है कि जिले में वर्ष 2020 में मानसून इतना कमजोर रहा था कि पांच बांधों में ही पानी की आवक हुई थी। जल संसाधन विभाग के अनुसार गत वर्ष सिंथोली में 4.10 फीट, झिलमिल में 3.9 फीट, गेटोलाव 2.9, मोरेल 6.3 व माधोसागर में 4.9 फीट पानी की आवक हुई थी।
सिविल डिफेंस की टीम पहुंची दौसा. शहर की नई कॉलोनियों में बारिश का पानी भरा होने से लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। कई लोगों ने प्रशासन को मामले से अवगत कराया तो सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर पहुंची।
जानकारी के अनुसार सोमवार को हुई बरसात से शहर के बाहरी क्षेत्र में बसी कॉलोनियों में जलनिकासी के इंतजाम नहीं होने के कारण पानी भरा हुआ है। कई जगह रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं तो चारों ओर से जलमग्न होने के चलते कई मकानों के ढहने की आशंका खड़ी हो गई है। गंगाविहार कॉलोनी में रामावतार शर्मा की शिकायत पर सिविल डिफेंस टीम के प्रभारी राजकुमार के नेतृत्व में दल पहुंचा। वहां जलभराव को देखते हुए बचाव कार्य किए गए। शिकायतकर्ता ने बताया कि पूर्व में भी कई बार नगर परिषद को अवगत कराया गया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। इसी तरह गेटोलाव रोड व जयपुर रोड पर लालसोट बायपास पुलिया के समीप कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है। लोगों को आवागमन में मुश्किल हो रही है। वहीं रात के समय हादसे की आशंका बनी रहती है।