अब इलेक्ट्रिक चाक से बनाते है बर्तन
समय के साथ कुंभकारों ने भी तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है, जो कि थोड़ा खर्चीला जरूर है, लेकिन उनके काम में थोड़ी गति भी आई है। लालसोट में इस पुश्तैनी धंधे से जुटे सभी परिवार जहां पहले हाथ से चाक घुमाकर बर्तन बनाते थे, लेकिन अब उन्हें खादी भंडार की ओर से इलेक्ट्रिक चाक मिलने लगे हैं, जिनका वे उपयोग भी कर रहे है। कुुंभकारों का कहना है कि ये इलेक्ट्रिक चाक बिजली की मोटर से चलते है, जिससे उनका बिजली का बिल बढ़ गया है और बिजली गुल होने पर कई बार उनका काम भी घंटों तक अधूरा ही पड़ा रहता है।