इन उम्मीदवारों ने इतना बताया खर्च
जिले की दौसा विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से तीन प्रत्याशियों में टक्कर रही। इनमें से भाजपा प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा के चुनाव खर्च की बात की जाए तो उन्होंने 4 दिसम्बर को खर्चा पेश किया, वह मात्र 3 लाख 76 हजार 700 रुपए हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना ने भी मात्र 5 लाख 67 हजार 322 रुपयों में चुनाव लड़ लिया। यही नहीं भाजपा के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी नन्दलाल बंशीवाल ने मात्र 3 लाख 6 हजार 836 रुपए ही खर्च किए।
निर्दलियों ने भी किए लाखों रुपए खर्च
दौसा विधानसभा सीट पर यदि चुनाव खर्च की बात की तो भारत वाहिनी एवं आम आदमी पार्टी प्रत्याशी भी पीछे नहीं है। यहां भारत वाहिनी के प्रत्याशी देवीसिंह ने 7 लाख 93 हजार 907 रुपए खर्चे का ब्योरा पेश किया है। जबकि आम आदमी पार्टी प्रत्याशी वीरेन्द्र कुमार शर्मा ने भी 6 लाख 72 हजार 841 रुपए खर्च कर दिए। बसपा प्रत्याशी गोपाललाल मीना ने 1 लाख 60 हजार 206 रुपए खर्च किए। इधर निर्दलीय गोपीरमन शर्मा ने भी अपने चुनाव में 50 हजार 398 रुपए, दिनेश मीना ने 81 हजार 135 रुपए तथा जगराम सैनी ने 86 हजार 600 रुपए खर्च करने की जानकारी प्रस्तुत की है।
चुनाव में कूदे कई प्रत्याशियों ने पानी की तरह पैसा खर्च किया। कई प्रत्याशियों के साथ गाडिय़ों का काफिला चला। कई चुनावी सभाएं आयोजित की गई। उनके कार्यालयों पर दिन-रात चाय-कॉफी व खाने के लंगर चले। यहां तक कि कई प्रत्याशियों ने अन्य मद में भी पैसा खर्च किया, लेकिन इन प्रत्याशियों ने निर्वाचन विभाग के पास जो खर्च पेश किया उसको देख कर लग रहा है कि चुनाव लडऩा खर्चीला नहीं है।
इससे अधिक राशि तो सरपंच चुनाव में हो जाती है खर्च : भले ही प्रत्याशियों ने विधानसभा चुनाव में अपना खर्च इतना कम पेश किया, लेकिन सच्चाई यह है कि इन प्रत्याशियों ने जितना खर्च बताया है, उससे अधिक खर्च तो गांव में सरपंच पद के चुनाव में हो जाता है। हालांकि सरपंच चुनाव में कोई सीमा तय नहीं होती है।