आगामी दिनों मौसम साफ रहा और धूप खिलती रही तो अगले माह की शुरुआत में यह आवक दस हजार कट्टों तक भी पहुंच सकती है। फिलहाल नई सरसों में 15 प्रतिशत तक की नमी होने के कारण भाव भी किसानों को भाव थोड़़़े कम मिल रहे हैं। व्यापारी नीलामी के दौरान नमी व तेल की मात्रा का अंदाजा लगाकर खरीद कर रहे हैं। मंडियों में फिलहाल नई सरसों 3400 से 3850 रुपए प्रति क्विंटल एवं पुरानी सरसों 3850 से 4100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद हो रही है।
गेहूं, चना व सौंफ में अभी वक्त
ग्रेन मर्चेन्ट ऐशोसिएशन के अध्यक्ष नवल झालानी व मंडावरी व्यापार मंडल के सरंक्षक रामजीलाल गांधी ने बताया कि मंडियों में सरसों की आवक मार्च में जोर पकड़ेगी। अप्रेल में यह आवक 25 हजार कट्टों तक पहुुंच जाएगी। दोनो मंडियों में आने वाली सरसों में तेल की मात्रा अधिक होने से देश के कई प्रांतों में यहां से सरसो का निर्यात होता है। अप्रेल की शुरुआत में गेहूं,चना व सौंफ की आवक शुरू होगी।
ग्रेन मर्चेन्ट ऐशोसिएशन के अध्यक्ष नवल झालानी व मंडावरी व्यापार मंडल के सरंक्षक रामजीलाल गांधी ने बताया कि मंडियों में सरसों की आवक मार्च में जोर पकड़ेगी। अप्रेल में यह आवक 25 हजार कट्टों तक पहुुंच जाएगी। दोनो मंडियों में आने वाली सरसों में तेल की मात्रा अधिक होने से देश के कई प्रांतों में यहां से सरसो का निर्यात होता है। अप्रेल की शुरुआत में गेहूं,चना व सौंफ की आवक शुरू होगी।
बंपर पैदावार का है अनुमान
लालसोट व मंडावरी मंडियों में सर्वाधिक सरसों की आवक लालसोट क्षेत्र के साथ सवाई माधोपुर जिले के बामनवास, बौली, मलारणा चौड़ व मलारणा डूंगर क्षेत्र के गांवों से होती है। यह पूरा क्षेत्र केे मोरेल क्षेत्र की नहरों से होने वाली सिचाई पर ही निर्भर रहता है। इस बार जिले के सबसे बड़े बांध मोरेल बांध के 21 साल बाद लबालब भरने से क्षेत्र में सरसों की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में दोनो मंडियों के आढतिएं काफी उत्साहित हैं।
लालसोट क्षेत्र में ये है बुवाई के आकड़ें
गेहूं 16128
जौ 3943
चना 8547
सरसो 12680
तारा मीरा 92
सौंफ 634.5 हैक्टेयर भूमि में
लालसोट व मंडावरी मंडियों में सर्वाधिक सरसों की आवक लालसोट क्षेत्र के साथ सवाई माधोपुर जिले के बामनवास, बौली, मलारणा चौड़ व मलारणा डूंगर क्षेत्र के गांवों से होती है। यह पूरा क्षेत्र केे मोरेल क्षेत्र की नहरों से होने वाली सिचाई पर ही निर्भर रहता है। इस बार जिले के सबसे बड़े बांध मोरेल बांध के 21 साल बाद लबालब भरने से क्षेत्र में सरसों की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। ऐसे में दोनो मंडियों के आढतिएं काफी उत्साहित हैं।
लालसोट क्षेत्र में ये है बुवाई के आकड़ें
गेहूं 16128
जौ 3943
चना 8547
सरसो 12680
तारा मीरा 92
सौंफ 634.5 हैक्टेयर भूमि में