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दौसा

हिमालय को पार कर मोरेल बांध पहुंचे प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज

Migratory birds reach Morel Dam by crossing HimalayasBar Headed Goose: एंसर इंडिकस का एक दल मोरेल बांध की सुंदरता में चार चांद लगा रहा

दौसाJan 25, 2022 / 08:33 pm

gaurav khandelwal

हिमालय को पार कर मोरेल बांध पहुंचे प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज

हिमालय को पार कर मोरेल बांध पहुंचे प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज

लालसोट. मोरेल बांध इन दिनों हजारों की संख्या में अए प्रवासी पक्षियों से गुलजार है। विदेशी मेहमान परिंदो में इस बार लगभग 200 की संख्या में बार हेडेड गूज (एंसर इंडिकस) का एक दल मोरेल बांध की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है। बायोडाइवर्सिटी एन्ड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी के स्टेट कोर्डिनेटर डॉ. सुभाष पहाडिय़ा ने बताया कि बार हेडेड गूज जिसे सामान्यतया सफेद हंस के नाम से भी जानते हैं, जो अपने सिर पर दो काली पट्टियों, पीले-नारंगी चोंच और पैरों की विशेष पहचान से जाना जाता है। यह मध्यम आकार का हल्के भूरे रंग का हंस है।
Migratory birds reach Morel Dam by crossing HimalayasBar Headed Goose


दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर उडऩे वाले यह पक्षी सर्दियों के मौसम में तिब्बत, कजाकिस्तान, मंगोलिया, रूस आदि जगहों से लगभग आठ हजार किलोमीटर का लंबा सफर तय करते हुए हिमालय की ऊंची चोटियों को पार कर भारत में आते हैं।
‘वी आकार में भरते हैं उड़ान


ये पक्षी अपने प्रवास के दौरान उड़ते समय अंतर बनाए रखने के लिए, एक दूसरे के साथ संवाद करने तथा अपनी ऊर्जा बचने के लिए वी-आकार की संरचनाओं में उड़ते हैं। बार हेडेड गूज लगभग 25 से 27 हजार फीट की ऊंचाई उडऩे में सक्षम बहुत शक्तिशाली फ्लायर हैं जो इतनी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवाओं और कम तापमान को भी सहन करके अपने पंखों से लगातार गर्मी उत्पन्न करते रहते हैं।
मिला अनुकूल माहौल
मोरेल बांध का जलस्तर अभी कम होने के कारण और आसपास गेहूं की फसल, घास और वनस्पति पर्याप्त मात्रा में होने के कारण बार हेडेड गूज को पर्याप्त भोजन व अनुकूल माहौल मिला हुआ है। ये पक्षी कभी-कभी मोलस्क, कीड़े और क्रस्टेशियंस भी खाते हैं। ये अपना घोंसला खेत के टीले या पेड़ पर बनाते हैं। एक बार में तीन से आठ अंडे देते हैं। 27 से 30 दिनों में अंडे से बच्चे बाहर निकलते हैं। दो महीने के बच्चे उड़ान भरने लगते हैं। (नि.सं.)

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